नवजोत कौर के बयान पर सियासी तूफान, सीएम भगवंत मान पर 'जमीन हड़पने' का लगाया आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि शिवालिक पहाड़ियों के आसपास की सुरक्षित जंगल जमीन पर कई बड़े लोग 1 एकड़ से लेकर 10,000 एकड़ तक कब्जा कर चुके हैं और मुख्यमंत्री अब इन्हीं कब्जों को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब नवजोत सिंह सिद्धू लोकल बॉडीज मंत्री थे, तब उन्होंने ऐसी फ़ाइलों पर साइन करने से साफ मना कर दिया था

अपडेटेड Dec 12, 2025 पर 11:00 PM
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नवजोत कौर सिद्धू ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाए।

सस्पेंड हुई कांग्रेस नेता नवजोत कौर सिद्धू ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवालिक बेल्ट में तथाकथित VVIP लोगों द्वारा कब्जाई गई ज़मीन को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। नवजोत कौर ने सवाल उठाया कि आखिर वह शराब माफिया और जमीन माफिया की मदद क्यों कर रहे हैं। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को लिखे अपने पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि “मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला कर रही है।” उनका कहना है कि सरकार ने उन लोगों को फायदा पहुंचाया है जो सालों से शिवालिक बेल्ट में बेहद कम कीमत पर बड़ी-बड़ी जमीनें कब्जा कर रहे हैं। परिषद द्वारा पास किया गया यह ज़ोनिंग बदलाव उनके मुताबिक लैंड शार्क्स को खुली छूट देने जैसा है।

सीएम भगवंत मान पर 'जमीन हड़पने' का लगाया आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि शिवालिक पहाड़ियों के आसपास की सुरक्षित जंगल जमीन पर कई बड़े लोग 1 एकड़ से लेकर 10,000 एकड़ तक कब्जा कर चुके हैं और मुख्यमंत्री अब इन्हीं कब्जों को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब नवजोत सिंह सिद्धू लोकल बॉडीज मंत्री थे, तब उन्होंने ऐसी फ़ाइलों पर साइन करने से साफ मना कर दिया था। इसके बजाय उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाई थी, जिसके रिकॉर्ड जस्टिस कुलदीप सिंह और रिटायर्ड IPS अधिकारी चंद्रशेखर ने तैयार किए थे। नवजोत कौर का कहना है कि सिद्धू को फ़ाइल पर साइन न करने की सज़ा उनके विभाग को छीनकर दी गई थी।

उन्होंने दावा किया कि अगर पंजाब सरकार यह जमीन वापस लेकर खुद विकास के लिए इस्तेमाल करती, तो राज्य को करीब 80,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट मिल सकता था। इतना बड़ा निवेश अनेक मल्टीनेशनल कंपनियों को आकर्षित करता और पंजाब के लिए भारी राजस्व कमाने का मौका बन सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब इस समय अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उनके अनुसार, लोग महान गुरुओं की धरती छोड़ने की सोच रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है और राज्य में रोज किसी न किसी हत्या की खबर आती है। उन्होंने कहा कि हथियारों का इस्तेमाल अब खिलौनों की तरह होने लगा है, निचले स्तर की पुलिस केवल पैसे कमाने में लगी है और न्याय व्यवस्था बिल्कुल असहाय दिख रही है। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली में गुरु तेग बहादुर के नाम पर एक रेलवे स्टेशन बनाने की भी मांग की।

यह विवाद उस समय और बढ़ गया जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवजोत कौर के हाल ही में दिए गए बयान की आलोचना की। नवजोत कौर ने कहा था कि “CM की कुर्सी 500 करोड़ रुपये में बिक सकती है,” जिसे मान ने विपक्ष के गलत इरादों और उनकी नकारात्मक राजनीति का उदाहरण बताया।


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