हाथों में बर्तन लिए खाने के ट्रक के पीछे दौड़ती महिलाएं और बच्चे, भंयकर गर्मी में प्लास्टिक के चादर तले दोपहरी काटते बुजर्ग और अपने बड़े परिवार को एक छोटे टेंट में समेटने की कोशिश करते युवा...राजधानी दिल्ली में बाढ़ पीड़ितों के लिए लगे रिलीफ कैंप के ये नजारे बताने के लिए काफी हैं कि लोग बेबस हैं और संघर्ष कर रहे है। बाढ़ के कारण हजारों लोग अपना घर छोड़ रिलीफ कैंप में रहने के लिए मजबूर हैं। दिल्ली के मयूर विहार में बने रिलीफ कैंप में 2.5 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं।
खाने के लिए लंबी कतारें
आसमान से बरसती आफत और घरों में आता बाढ़ का पानी....राजधानी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से उपर बह रही है। यमुना के उफान ने खादर क्षेत्र के लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। कोई मां अपने मासूम बच्चे का हाथ थामे हुए है, तो कोई बुजुर्ग कांपते कदमों के सहारे नए आशियाने की तलाश में है। आंसू भरी आंखों से घर की चौखट को छोड़ते लोगों के दिल में बस यही दर्द है कि पता नहीं कब वापस लौट पाएंगे। जिस खाने को लेकर आम लोग आश्वसत रहते हैं, वहां पर जा पता चला कि कई लोगों को वो भी मुश्किल से नसीब हो रहा है। उन्हें गर्मी में काफी देर तक लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। जो तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं, उनमें लोगों के चेहरे पर मायूसी साफ देखने को मिली। दिन हो या रात, लोग बस कतार में खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं।
इस रिलीफ कैंप में ही अपने परिवार के साथ रह रहे सुमित ने बताया कि, इस छोटे से टेंट में हम 13 लोग रह रहे हैं। मौसम को देखकर हम खाना भी बना पाते हैं। बारिश आता है तो यहां सबकुछ भीग जाता है और उमस वाली गर्मी में दिन काटना मुश्किल है। हम पंखा तक नहीं लगा सकते यहां। बस उम्मीद कर रहे हैं जल्द से जल्द चीजें सही हो जाएं और हम अपने घरों को लौट जाएं। वहीं इस कैंप में रह रही एक महिला ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए बताया कि, मेरा पूरा घर बाढ़ के पानी में डूब गया है। हमारा कितना सामान बह गया है।
लगातार बढ़ रहा यमुना का पानी
लोगों को राहत शिविरों में इसलिए भेजा जा रहा है, क्योंकि यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना नदी विकराल रूप धारण करती जा रही है। तीन दिनों से नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है और बुधवार रात को जलस्तर 207.43 मीटर तक पहुंच गया। इससे पूरे खादर क्षेत्र में पानी भर गया है।. ऐसे में प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए राहत शिविरों की व्यवस्था की है और लोगों से गुजारिश की है कि वो तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे।
लोगों की सुरक्षा में सिविल डिफेंस की मौजूदगी
मयूर विहार रिलीफ कैंप के सिविल डिफेंस वार्डेन जमशेद खान ने मनीकंट्रोल को बताया कि, मयूर विहार फेज-1 के पास बने रिलीफ कैंप में 570 परिवार अभी रह रहे हैं। लोगों के हिसाब से बात की जाए ये इस रिलीफ कैंप में 2.5 हजार से ज्यादा लोग अभी रह रहे हैं। यहां लोगों को दोनों टाइम खाना भी प्रशासन की तरफ से मुहैया कराया जा रहा है। वहीं लोगों के साथ उनके पशु भी इस रिलीफ कैंप में हैं उनके लिए भी चारे की व्यवस्था सरकार द्वारा ही की जा रही है। लोगों के सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस के 24 घंटे मौजूदगी है।
फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं
राहत शिविरों की ओर जाते लोगों के चेहरों पर बेबसी थी। इन्हें अपनी छोटी सी दुनिया उजड़ने का डर सता रहा है, लेकिन इसके साथ ही उम्मीद भी थी कि ये कुदरती कहर बीत जाएगा। यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी अब तेजी से दिल्ली के इलाकों में भरता जा रहा है। फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। एहतियातन राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जगह-जगह एनडीआरएफ तैनात कर दी गई हैं। इससे पहले जुलाई-2023 व 1978 में ही यमुना में इतना उफान देखा गया था।
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