दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और खुली हवा में सांस लेना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। हाल ही में राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 500 के पार पहुँच गया, जो ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है। इसके चलते नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने लगा है। इसके बावजूद, GRAP-3 यानी स्टेज III के तहत लागू किए गए कड़े नियमों के बावजूद प्रदूषण में कोई खास कमी नहीं आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण PM2.5 और PM10 का स्तर अधिक होना और हवा की धीमी रफ्तार है।
स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को और ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों को सांस लेने में आसानी हो और बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से बचाया जा सके।
राजधानी में बढ़ती ठंड और सांस लेने में कठिनाई
सर्दियों के शुरू होने के साथ ही दिल्ली में ठंड बढ़ रही है। ठंड और प्रदूषण दोनों का असर मिलकर लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना रहे हैं। रविवार सुबह दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण और भी बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह का AQI 551 दर्ज किया गया, जो ‘हैजर्डस’ यानी खतरनाक श्रेणी में आता है।
धुंध और खराब वायु गुणवत्ता
दिल्ली में धुंध की चादर छाई हुई है। धौला कुआं जैसे क्षेत्रों में हालात सबसे खराब हैं। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, यहां AQI 338 है, जिसे ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रखा गया है। इसी वजह से 5वीं कक्षा तक के स्कूलों में हाइब्रिड मोड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई हो रही है।
हालांकि कुछ उपाय किए जा रहे हैं, जैसे सड़कों और इलाके में पानी का छिड़काव, लेकिन AQI में कोई खास गिरावट नहीं आई है। लोग कर्तव्य पथ पर जॉगिंग कर रहे हैं, लेकिन वायु की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब है। CPCB के अनुसार कई जगहों पर AQI 370 तक पहुंच चुका है।
हवा की धीमी रफ्तार बढ़ा रही समस्या
विशेषज्ञों के अनुसार हवा की रफ्तार बहुत धीमी होने से प्रदूषण फैल नहीं पा रहा और स्थिति गंभीर बनी हुई है। PM2.5 का स्तर 351 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और PM10 का स्तर 466 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।