Delhi AQI Today: दिल्ली-NCR की हवा में सुधार के संकेत, जानिए आज कितना दर्ज हुआ AQI

Delhi AQI Today: शनिवार सुबह दिल्ली की हवा में हल्का सुधार देखने को मिला। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 6 बजे राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 233 दर्ज किया गया, जो ‘Poor’ श्रेणी में आता है। शुक्रवार को यह 288 था, यानी एक दिन में हवा थोड़ी बेहतर हुई है

अपडेटेड Nov 01, 2025 पर 8:15 AM
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Delhi AQI Today: दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाकों में भी प्रदूषण का असर कम हुआ है।

Delhi AQI Today: शनिवार की सुबह दिल्ली वालों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई। लंबे समय से बढ़ते प्रदूषण के बीच हवा की गुणवत्ता में हल्का सुधार दर्ज किया गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सुबह 6 बजे राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 233 रहा, जो ‘Poor’ श्रेणी में आता है। ये शुक्रवार के मुकाबले कुछ बेहतर स्थिति है, जब AQI 288 दर्ज किया गया था। हालांकि हवा अब भी साफ नहीं है, लेकिन गिरते स्तर से ये संकेत जरूर मिला है कि स्थिति फिलहाल थोड़ी नियंत्रित है। बदलते मौसम और हालिया प्रयासों का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कुछ राहत मिली है।

एनसीआर के शहरों में भी मिला थोड़ा सुधार

दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाकों में भी प्रदूषण का असर कम हुआ है। CPCB के SAMEER ऐप के मुताबीक, नोएडा में AQI 221, गाजियाबाद में 225, गुरुग्राम में 224 और फरीदाबाद में 185 दर्ज किया गया। हालांकि सभी जगह हवा की गुणवत्ता अभी भी ‘Poor’ से ‘Moderate’ के बीच बनी हुई है।


जानिए AQI का मतलब क्या होता है

CPCB के अनुसार, अगर AQI 0 से 50 के बीच है तो हवा ‘Good’ मानी जाती है। 51-100 ‘Satisfactory’, 101-200 ‘Moderate’, 201-300 ‘Poor’, 301-400 ‘Very Poor’ और 401 से ऊपर ‘Severe’ मानी जाती है। यानी दिल्ली की हवा में सुधार तो हुआ है, लेकिन अब भी सांस लेना पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

इस साल नहीं रहा कोई ‘Severe’ दिन

CAQM की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 के पहले 10 महीनों में दिल्ली में एक भी दिन ‘Severe’ कैटेगरी (AQI 400 से ऊपर) में नहीं गया जो 2018 के बाद पहली बार हुआ है। पिछले साल यानी 2024 और 2023 में तीन-तीन दिन ऐसे थे, जबकि 2019 में नौ दिन हवा बेहद खराब रही थी।

बेहतर सांस लेने का मौका

2025 में जनवरी से अक्टूबर के बीच दिल्ली में 79 दिन ऐसे रहे जब हवा ‘Satisfactory’ रही — यानी AQI 51 से 100 के बीच। ये 2018 के बाद सबसे ज्यादा है (2020 को छोड़कर)। पिछले साल ऐसे दिन सिर्फ 66 थे। इसका मतलब है कि राजधानी में अब लोगों को पहले से ज्यादा दिन साफ हवा मिल रही है।

ठंडी हवा और सूखा मौसम बना सकते हैं परेशानी

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के बाद जब हवाएं सूखी और कमजोर हो जाती हैं, तो प्रदूषक कण हवा में ज्यादा देर तक टिके रहते हैं। यही कारण है कि नवंबर-दिसंबर में प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है।

सुधार तो है, लेकिन सर्दियों में चुनौती बड़ी

कुल मिलाकर देखा जाए तो दिल्ली की हवा में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन आने वाले ठंडे दिनों में हालात बिगड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अभी से सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सर्दी बढ़ते ही हवा की गुणवत्ता फिर से ‘Very Poor’ श्रेणी में जा सकती है।

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