दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण का लेवल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदुषण की वजह से शहर में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के दौरान बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के सुझाए गए शॉर्ट-टर्म उपायों के तहत ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) में बड़े बदलावों की अनुमति दे दी है। नए सिस्टम के मुताबिक कड़े नियम अब पहले ही चरण में लागू हो जाएंगे। यानी जो प्रतिबंध पहले स्टेज-4 में तब लगते थे जब AQI 450 से ऊपर जाता था, वे अब स्टेज-3 में ही लागू हो जाएंगे। इसी तरह स्टेज-3 के नियम स्टेज-2 पर और स्टेज-2 के निर्देश स्टेज-1 पर लागू किए जाएंगे। इसका मकसद ये है कि प्रदूषण को खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले ही नियंत्रण करने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भूषण आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए उठाया गया कोई कदम सराहनीय है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि CAQM ऐसे फैसले लेते समय सभी संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा करेगा। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है।
PTI के रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने ये सुझाव भी दिया कि CAQM दिल्ली–NCR के स्कूलों को नवंबर और दिसंबर में होने वाली ओपन-एयर स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन को एयर पॉल्यूशन लेवल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित महीनों में शिफ्ट करने पर विचार करे। CAQM ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने नोट में पॉल्यूशन कम करने के लिए कई शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म उपाय सुझाए हैं। इनमें मुख्य रूप से ऑफिस के कामकाज के घंटे, स्टाफ की मौजूदगी और बिजली सप्लाई से जुड़े बदलाव शामिल हैं।
नोट के अनुसार, यदि ग्रेप का स्टेज-3 लागू होता है, तो दिल्ली–NCR की सरकारों को ये तय करना होगा कि सार्वजनिक, निजी और नगर निगम के दफ्तर केवल 50% कर्मचारियों के साथ ही ऑन-साइट काम कर सकेंगे। यही दिशा-निर्देश केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए भी लागू करने पर विचार किया जाएगा। इन कदमों का उद्देश्य है कि प्रदूषण के दौरान सड़कों पर भीड़ कम हो और हवा की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिले।
ऑफिसों का टाइम अलग-अलग किया जाएं
CAQM के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ये सुझाव सिर्फ सलाह के रूप में दिए गए हैं, इन्हें लागू करना अनिवार्य नहीं है। आयोग ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि जब ग्रेप का स्टेज-2 लागू हो, तो दिल्ली–NCR के सभी सरकारी ऑफिसों के काम के समय अलग-अलग किए जाएं, ताकि ट्रैफिक और भीड़ कम हो सके। अब तक यह कदम स्टेज-3 में उठाया जाता था, लेकिन प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कारण इसे पहले ही चरण में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
लोगों में फैलाएं जागरुकता
नए प्लान के तहत कमीशन ने एनसीआर राज्यों से कहा है कि वे बिजली सप्लाई को बिना रुकावट सुनिश्चित करें, ताकि डीजल जेनरेटर के उपयोग में कमी लाई जा सके। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाने के लिए CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। ट्रैफिक सिग्नलों पर भीड़ कम करने के उपाय भी अपनाए जाएंगे। इसके अलावा, सरकारों को सलाह दी जाएगी कि वे लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए पब्लिक एडवर्टाइजमेंट करें, ताकि वे प्रदूषण के समय क्या करें और क्या न करें, इसकी जानकारी रख सकें।
CAQM के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की समीक्षा की जाएगी और उसी के आधार पर ग्रेप (GRAP) के नियमों में बदलाव किए जाएंगे। अधिकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में जरूरत के मुताबिक ग्रेप में संशोधन किए जाएंगे और नए निर्देश लागू किए जाएंगे।