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ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो को भारत ने दिया जवाब, ‘ब्राह्मण’ वाली टिप्पणी पर कही ये बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्यापार सलाहकार रहे पीटर नवारो ने पिछले महीने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में विवादित बयान दिया था। उन्होंने भारत के बढ़ते रूसी तेल आयात पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि कुछ समूह, खासकर ब्राह्मण समुदाय, आम भारतीयों के नुकसान पर मुनाफा कमा रहे हैं

अपडेटेड Sep 05, 2025 पर 5:29 PM
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पीटर नवारो की हाल ही में भारत के ऊपर दी गई टिप्पणी पर भारत में बवाल मचा हुआ है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की हाल ही में ब्राह्मणों को लेकर  की गई टिप्पणी पर भारत में बवाल मचा हुआ है। बीते दिनों नवारो ने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्राह्मण, भारतीयों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैंवहीं अब भारत सरकार ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की टिप्पणियों को पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया।

नवारो ने दिया था ये बयान

दरअसल, नवारो ने यह आरोप लगाया था कि रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदने के मामले में "ब्राह्मण भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं"। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉफ्रेंस में साफ कहा कि नवारो के ये बयान तथ्यहीन हैं और भारत इन्हें स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्यापार सलाहकार रहे पीटर नवारो ने पिछले महीने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में विवादित बयान दिया। उन्होंने भारत के बढ़ते रूसी तेल आयात पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि कुछ समूह, खासकर ब्राह्मण समुदाय, आम भारतीयों के नुकसान पर मुनाफा कमा रहे हैं।

भारत की विदेश नीति पर उठाए थे सवाल

पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के बावजूद भारत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ करीबी रिश्ते क्यों बनाए हुए है। नवारो ने यह भी कहा था, "मोदी एक बड़े नेता हैं, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि वे पुतिन और शी जिनपिंग से इतनी नजदीकी क्यों रख रहे हैं। मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि वे इस स्थिति को समझें, क्योंकि ब्राह्मण आम भारतीयों के नुकसान पर मुनाफा कमा रहे हैं, और इसे रोकने की जरूरत है।"

नवारो ने कहा कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत बहुत कम तेल रूस से खरीदता था, लेकिन इसके बाद आयात काफी बढ़ गयाउनका आरोप है कि भारत रूसी तेल खरीदकर उसे परिष्कृत करता है और फिर अफ्रीका, यूरोप और एशिया जैसे इलाकों में ऊँचे दामों पर बेचता है, जिससे रूस को पर मदद मिल रही हैट्रंप सरकार के दौरान भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाने का बचाव करते हुए नवारो ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति और उसकी कंजर्वेटिव सोच इसकी वजह हैउन्होंने भारत को "टैरिफ का महाराजा" करार दिया और इसे बड़े भू-राजनीतिक तनावों से जोड़ा

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