President Droupadi Murmu: भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज इतिहास रच दिया है। उन्होंने हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स बेस से भारत के सबसे हाई टेक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह इस अत्याधुनिक फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बन गई हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने इससे पहले अप्रैल 2023 में असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन से सुखोई-30 MKI में भी उड़ान भरी थी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने 20 मिनट तक भरी राफेलमें उड़ान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला एयर फोर्स बेस से राफेल लड़ाकू विमान में लगभग 20 मिनट की उड़ान भरी। इस दौरान वह एक विशेष फाइटर पायलट सूट में थीं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी इस ऐतिहासिक क्षण में मौजूद थे। राष्ट्रपति मुर्मू राफेल में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति हैं, जो भारतीय वायु सेना की सबसे आधुनिक युद्धक क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। वह किसी फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली भारत की तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं। राष्ट्रपति मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (2006) और प्रतिभा पाटिल (2009) ने सुखोई-30 MKI फाइटर जेट में उड़ान भरी थी।
राफेल जेट को फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है। इन्हें सितंबर 2020 में अंबाला एयर फोर्स बेस पर भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। भारत के पास वर्तमान में 36 राफेल जेट हैं, जिन्होंने देश की हवाई युद्ध क्षमताओं को अभूतपूर्व बढ़ावा दिया है। ये लड़ाकू विमान ऑपरेशन सिंदूर में भी इस्तेमाल किए गए थे, जिसके तहत पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत ने सटीक हमले किए थे।
भारत जल्द ही अपने विमानवाहक पोत INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य के लिए 26 राफेल एम (मरीन) जेट भी शामिल करने जा रहा है। फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन राफेल को शक्ति देने वाले M-88 इंजनों के लिए हैदराबाद में एक MRO (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधा स्थापित करने की भी योजना बना रही है, जिसमें टाटा समूह जैसी भारतीय कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।