ED ने रियल-मनी गेमिंग फर्म WinZO और Gameskraft से जुड़ी 520 करोड़ रुपये की संपत्ति की फ्रीज, जांच के बाद लिया गया फैसला

ED ने कहा कि उसने धोखाधड़ी, अकाउंट ब्लॉक करने, किसी और की नकल करने और PAN के गलत इस्तेमाल के आधार पर कंपनियों के खिलाफ दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी

अपडेटेड Nov 24, 2025 पर 7:45 PM
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भारत सरकार ने एक ऑनलाइन गेमिंग कानून के तहत ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। इस बैन के चलते WinZO और इंडस्ट्री के दूसरे प्लेयर्स ने अगस्त में भारत में अपना रियल-मनी गेमिंग बिज़नेस बंद कर दिया था

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने 24 नवंबर को बताया है कि उसने 18 नवंबर से 22 नवंबर तक पांच दिन की जांच के बाद रियल-मनी गेमिंग ऑपरेटर WinZO के करीब 505 करोड़ रुपये के एसेट्स और गेम्सक्राफ्ट एंटिटीज से जुड़े करीब 18.57 करोड़ रुपये के एसेट्स फ्रीज कर दिए हैं। एजेंसी के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के सेक्शन 17 (1A) के तहत WinZO के बैंक बैलेंस, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉज़िट और म्यूचुअल फंड फ्रीज किए गए हैं। जबकि गेम्सक्राफ्ट और निरदेसा नेटवर्क्स (पॉकेट52) के मामले में आठ बैंक अकाउंट फ्रीज़ किए गए हैं।

ED के बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने मारा था छापा

ED के बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने दिल्ली और गुड़गांव में WinZO से जुड़े चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, साथ ही बेंगलुरु और गुरुग्राम में गेम्सक्राफ्ट और निर्देसा नेटवर्क (पॉकेट52) से जुड़े कई परिसरों में भी तलाशी ली गई। 18 नवंबर को मनीकंट्रोल ने बताया कि ED ने ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटर गेम्सक्राफ्ट और विनज़ो से जुड़ी 11 जगहों पर रेड मारी थी, जिसमें कंपनियों के कॉर्पोरेट ऑफिस और उनके टॉप अधिकारियों के घर शामिल थे।


KYC डिटेल्स का गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी का है मामला

ED ने कहा कि उसने धोखाधड़ी,अकाउंट ब्लॉक करने, किसी और की नकल करने और PAN के गलत इस्तेमाल के आधार पर इन फर्मों के खिलाफ दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी। शिकायत करने वालों ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी KYC डिटेल्स का गलत इस्तेमाल किया गया और WinZO और दूसरों की धोखाधड़ी की वजह से उन्हें काफी नुकसान हुआ।

43 करोड़ रुपये अभी भी रिफंड नहीं

ED के मुताबित उसकी जांच में पता चला है कि 22 अगस्त से रियल मनी गेम्स पर सरकारी बैन के बावजूद, कंपनी ने अभी भी करीब 43 करोड़ रुपये रखे हुए हैं, जो कस्टमर्स को रिफंड नहीं किए गए हैं। एजेंसी ने बताया कि यह कंपनी भारत से ब्राजील और यूनाइटेड स्टेट्स जैसे दूसरे देशों में भी रियल मनी गेम्स चला रही है,जिसका इस्तेमाल भारतीय कंपनी उसी प्लेटफॉर्म पर कर रही है।

WinZO ने कई फाइनेंसिंग राउंड में निवेशकों से कुल 10 करोड़ डॉलर जुटाए

बता दें कि पवन नंदा और सौम्या सिंह राठौर ने WinZO की शुरुआत की थी। WinZO अपने प्लेटफॉर्म पर दुनिया भर के थर्ड-पार्टी गेम डेवलपर्स द्वारा डेवलप किए गए 15 भारतीय भाषाओं में 100 से ज़्यादा गेम उपलब्ध करवाता है। इसने अब तक ग्रिफिन गेमिंग पार्टनर्स, मेकर्स फंड, कोर्टसाइड और कलारी कैपिटल जैसे इन्वेस्टर्स से कई फाइनेंसिंग राउंड में कुल 10 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।

ऑनलाइन गेमिंग कानून के तहत ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह बैन

गौरतलब है कि भारत सरकार ने एक ऑनलाइन गेमिंग कानून के तहत ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। इस बैन के चलते WinZO और इंडस्ट्री के दूसरे प्लेयर्स ने अगस्त में भारत में अपना रियल-मनी गेमिंग बिज़नेस बंद कर दिया था। गेम्सक्राफ्ट ने मई में ही अपने ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म पॉकेट52 का ऑपरेशन रोक दिया था।

 

 

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