PM Modi visit Karnataka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (28 नवंबर) को कर्नाटक के उडुपी शहर में एक मेगा रोड शो किया। पीएम मोदी मंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरे। फिर एक विशेष हेलीकॉप्टर से उडुपी के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री यहां 'लक्ष गीता पाठन' में भाग लेने पहुंचे हैं। यह एक सामूहिक पाठ है जिसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करेंगे। रोडशो के दौरान अपनी गाड़ी के रनिंग बोर्ड पर खड़े होकर प्रधानमंत्री ने रास्ते में खड़े उत्साही लोगों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। वहां मौजूद लोगों ने उनके काफिले पर पुष्पवर्षा की।
पीएम मोदी ने भी सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों पर फूल बरसाए। रोडशो के पूरे रास्ते में भगवा रंग के तोरण लगे थे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के झंडे लहरा रहे थे। पीएम मोदी ने पहली बार 1993 में उडुपी की यात्रा की थी। उसके बाद वह 2008 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उडुपी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने श्री कृष्ण मंदिर का दौरा किया था।
इस दौरान पीएम मोदी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उडुपी ने पांच दशक पहले नया शासन मॉडल पेश किया था। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन में उडुपी की भूमिका को पूरा देश जानता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर आंदोलन में श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी के मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया गया। राम मंदिर में उडुपी के श्री माधवाचार्य को समर्पित एक विशेष द्वार है।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा नीति का मूल भाव यही है कि हम वसुधैव कुटुम्बकम भी कहते हैं और हम धर्मो रक्षति रक्षितः का मंत्र भी दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि हम लाल किले से श्री कृष्ण की करुणा का संदेश भी देते हैं। जबकि उसी प्राचीर से मिशन सुदर्शन चक्र की उद्घोषणा भी करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "श्री कृष्ण हमें सबके कल्याण की बात सिखाते हैं और यही बात वैक्सीन मैत्री, सोलर अलायंस और वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी नीतियों का आधार बनती हैं। श्री कृष्ण ने गीता का संदेश युद्ध की भूमि पर दिया था और भगवदगीता हमें सिखाती है कि शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत भी आवश्यक है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "पहलगाम में आतंकवादी हमलों में हमारे कई नागरिकों की जान चली गई, जिनमें कनारा समुदाय के भाई-बहन भी शामिल हैं। पहले, जब ऐसी दुखद घटनाएं होती थीं, तो सरकारें अक्सर चुप रहती थीं। लेकिन यह नया भारत है। यह किसी के सामने झुकता नहीं है, न ही अपने लोगों की रक्षा करने के अपने कर्तव्य से पीछे हटता है। हम शांति स्थापित करना जानते हैं, और हम इसकी रक्षा करना भी जानते हैं।"
दार्शनिक कनकदास को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में ऐतिहासिक कनक मंडप का दौरा किया। इस दौरान 14वीं-15वीं शताब्दी के संत-दार्शनिक एवं कीर्तनकर कनकदास को पुष्पांजलि अर्पित की। उडुपी श्री कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के पश्चिम की ओर मुड़ने की पौराणिक घटना का श्रेय कनकदास को दिया जाता है। मंडप में कनकदास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी श्रीकृष्ण मंदिर परिसर की ओर रवाना हुए। यहां पर्याय पुथिगे मठ के सुगुनेन्द्र तीर्थ, मठ के दीवान और मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पारंपरिक रूप से प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया।
पीएम मोदी ने मंदिर के गर्भगृह परिसर में समय बिताया और कनकदास की भक्ति के महत्व तथा मंदिर से जुड़ी स्थायी सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी ली। श्रीकृष्ण मठ परिसर में प्रवेश करते ही मोदी का पूर्ण कुंभ स्वागत (पारंपरिक सम्मान के साथ स्वागत) किया गया। उन्हें चांदी से सुसज्जित तुलसी जप माला और शंख, चक्र, गदा और पद्म युक्त मुद्राएं भेंट की गईं। दक्षिण भारत में माधव और अधिकांश ब्राह्मण समुदाय अपने दैनिक पूजा अनुष्ठानों के लिए इनका उपयोग करते हैं।