पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन, लंबे समय से थे बीमार...कानपुर में ली अंतिम सांस

Shriprakash Jaiswal : सीएम योगी ने पोस्ट करते हुए कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ राजनेता श्री श्रीप्रकाश जायसवाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 9:54 PM
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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार को निधन हो गया।

Shriprakash Jaiswal : पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार को निधन हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर उनके निधन पर दुख जताया है। बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार को कानपुर में लंबी बीमारी से जूझते हुए निधन हो गयावे पहले केंद्र में गृह राज्य मंत्री और बाद में कोयला मंत्री के पद पर काम कर चुके थे। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत लगातार खराब चल रही थी।

सीएम योगी ने जताया दुख

सीएम योगी ने पोस्ट करते हुए कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ राजनेता श्री श्रीप्रकाश जायसवाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर उनकी हालत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें कानपुर के कार्डियोलॉजी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि वे अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे। अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने भी उनकी मृत्यु की पुष्टि की।

राजनीति में लंबा सफर 

श्रीप्रकाश जायसवाल का राजनीतिक सफर लंबा और प्रभावशाली रहा। 25 सितंबर 1944 को कानपुर में जन्मे जायसवाल ने अपने गृहनगर कानपुर से तीन बार लोकसभा चुनाव जीता। उन्होंने पहली बार 1999 में जीत दर्ज की, जिसके बाद 2004 और 2009 में भी उन्हें जनता ने लगातार चुना। UPA सरकार के दौरान, जनवरी 2011 से मई 2014 तक वे मनमोहन सिंह कैबिनेट में कोयला मंत्री रहे। इससे पहले वे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके थे। केंद्र की राजनीति के साथ-साथ उन्होंने प्रदेश स्तर पर भी अहम भूमिका निभाई। दिसंबर 2000 से जुलाई 2002 तक वे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत करने की कोशिशें कीं।


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