पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और चुनाव आयोग (ECI) के बीच विवाद शुक्रवार को और बढ़ गया। इस दिन चुनाव आयोग ने TMC के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, बैठक में ECI ने TMC द्वारा लगाए गए हर आरोप का अलग-अलग जवाब दिया। लेकिन TMC ने आयोग की सफाई को “पूरी तरह झूठ” करार दिया।
चुनाव आयोग ने इस मामले पर नजर रखने के लिए राज्य में एक विशेष रोल ऑब्जर्वर भी नियुक्त किया है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने TMC प्रतिनिधियों को यह भी चेतावनी दी कि मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट वोटरों की जांच कर रहे BLOs पर दबाव न डाला जाए और न ही उन्हें धमकाया जाए।
चुनाव आयोग ने TMC से कही ये बात
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने TMC प्रतिनिधियों से कहा है कि वे अपने क्लेम और आपत्तियां 9 दिसंबर के बाद दर्ज करें, जब उन्हें वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट वर्जन उपलब्ध कराया जाएगा। तब तक TMC को सलाह दी गई है कि वे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) और डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (DEO) के काम में दखल न दें। ये सभी अधिकारी राज्य सरकार के कर्मचारी हैं और चुनाव संबंधी जिम्मेदारियों के लिए नियुक्त किए गए हैं। बीते हफ्ते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए थे और चुनाव आयोग से दखल देने की मांग की थी। BLO की मौतों को लेकर उठे आरोपों और विवाद के बाद ही ECI ने TMC के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का निर्णय लिया था।
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को यह याद दिलाया है कि स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के तहत पोलिंग स्टेशनों में जरूरी बदलाव और पुनर्गठन 4 दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए। यह वही निर्देश हैं जो आयोग पहले भी दे चुका है।
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