ED Raid in Karnataka: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (15 अगस्त) को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत कर्नाटक में कांग्रेस विधायक सतीश कृष्ण सैल के घर से 1.41 करोड़ रुपये कैश और उनके परिवार के बैंक लॉकरों से 6.75 किलोग्राम सोने के आभूषण एवं सोना जब्त किया है। मामला 59 वर्षीय विधायक से कथित रूप से जुड़ी एक कंपनी द्वारा लौह अयस्क के कथित अवैध निर्यात से संबंधित है। सैल उत्तर कन्नड़ जिले की कारवार विधानसभा सीट से विधायक हैं। फिलहाल, ED के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
ED ने इस मामले में 13-14 अगस्त को कारवार, गोवा, मुंबई और दिल्ली में छापेमारी की थी। ईडी के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत जिन अन्य संस्थाओं पर छापे मारे गए, उनमें आशापुरा माइनकेम, श्री लाल महल, स्वास्तिक स्टील्स (होसेपेट), आईएलसी इंडस्ट्रीज, श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर मिनरल्स शामिल हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत ने श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके लौह अयस्क चूर्ण के अवैध निर्यात के लिए सैल समेत सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था।
मल्लिकार्जुन शिपिंग सैल की एक कंपनी बताई जा रही है। ED ने कहा कि विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच विशेष अदालत के दोषसिद्धि आदेश पर आधारित है। हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने पिछले साल विधायक की सात साल की जेल की सजा को निलंबित करने का आदेश दिया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि ईडी की जांच में पता चला कि सैल ने अन्य व्यावसायिक संस्थाओं और बेलेकेरी बंदरगाह के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके 19 अप्रैल 2010 से 10 जून 2010 के बीच लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क चूर्ण का अवैध निर्यात किया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, "इस कंपनी के माध्यम से सतीश कृष्ण सैल द्वारा किए गए अवैध निर्यात का कुल मूल्य 86.78 करोड़ रुपये था।" ईडी ने कहा कि तलाशी के दौरान सैल के आवास से 1.41 करोड़ रुपये नकदी जब्त की गई।"
अधिकारियों ने आगे बताया कि इसके अलावा श्री लाल महल लिमिटेड के कार्यालय से 27 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। एजेंसी ने कहा कि सैल परिवार के बैंक लॉकर से 6.75 किलोग्राम वजन के सोने के आभूषण और सोना भी जब्त किया गया।
एजेंसी ने दावा किया है कि दस्तावेजों, ईमेल, रिकॉर्ड आदि के रूप में कुछ अपराध सिद्ध करने वाले सबूत भी ज़ब्त किए गए हैं। ED सूत्रों ने पहले बताया था कि इस अवैध लौह अयस्क चूर्ण निर्यात से सरकारी खजाने को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह मामला 2010 में कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा की गई एक जांच से शुरू हुआ था। इसमें बेल्लारी से बेलेकेरी बंदरगाह तक लगभग 8 लाख टन अवैध रूप से ले जाए गए लौह अयस्क का पता चला था।