गोरखपुर पुलिस ने मंगलवार को एक बड़े फर्जीवाड़े के आरोपी को गिरफ्तार किया, जो लगभग तीन साल से IAS अधिकारी बनकर घूम रहा था। आरोपी 27 साल के गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर को कई राज्यों में फैले बड़े धोखाधड़ी के नेटवर्क का खुलासा होने पर पकड़ा गया। गौरव ने 2022 बैच का IAS अधिकारी बनने का दावा किया था। उसके पास सफेद इनोवा गाड़ी थी, जिसमें लाल-नीली बत्ती लगी हुई थी। साथ में 15 लोगों की टीम भी रहती थी, जो सरकारी माहौल बनाए रखता था। वह इस पूरे दिखावे पर हर महीने 5 लाख रुपए खर्च करता था।
उसने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में दर्जनों लोगों को लूटा। सरकारी नौकरी, टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट का लालच देकर बड़ी रकम वसूली। एक बिहारी व्यापारी ने 450 करोड़ के टेंडर के नाम पर 5 करोड़ रुपए और दो लग्जरी कार लीं। कुल 40 से ज्यादा लोग उसकी ठगी का शिकार हुए।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा के व्यापारी मुकुंद माधव को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 99.09 लाख रुपए के साथ पकड़ा गया। यह रकम गौरव को नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में देनी थी। जांच तेज हुई, तो गौरव लखनऊ भाग गया, लेकिन टिप मिलने पर गोरखपुर लौटते ही गिरफ्तार हो गया। उसके दो साथी परमानंद गुप्ता और अभिषेक कुमार को भी पकड़ लिया गया।
बिहार के सितामढ़ी के मेहसौल गांव के रहने वाले गौरव ने 2019 में गणित में MSc की। वो सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था। 2022 में उसने 'अदित्य-50' के नाम से एक कोचिंग सेंटर भी खोला, लेकिन एक छात्र से 2 लाख रुपए ठगने के आरोप में उस पर केस दर्ज हुआ। इसके बाद वह फर्जी IAS बन गया। उसके भाई अभिषेक ने नकली ID, टेंडर और मीडिया क्लिपिंग्स बनाईं, यहां तक कि AI टूल्स का इस्तेमाल भी किया।
पुलिस ने उसके दो फोन जब्त किए। चैट से पता चला कि गौरव के चार महिलाओं से रिश्ते थे, जिनमें से तीन गर्भवती होने का दावा कर रही हैं। जबकि बिहार की ही रहनी वाली एक महिला से उसकी शादी हो चुकी है।
गोरखपुर SP ने पुष्टि की कि "40 से ज्यादा पीड़ित सामने आए हैं और फर्जी दस्तावेजों और टेंडर की जांच जारी है"। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने समन्वित कार्रवाई के लिए दूसरे राज्यों के पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया है।