पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति लगातार तेज होती जा रही है। इसी बीच भरतपुर से विधायक और TMC से निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे को खुलकर चुनावी हथियार बनाने का संकेत दे दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि सिर्फ बाबरी मस्जिद के लिए दान देने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए वोट भी देने होंगे।
हुमायूं कबीर ने कहा, "लोग बाबरी मस्जिद के लिए बहुत पैसा दे रहे हैं। ईंटें दे रहे हैं, ऑनलाइन चंदा भेज रहे हैं। लेकिन अगर वोट नहीं देंगे, तो यह मस्जिद कभी नहीं बनेगी। अगर BJP या TMC बहुमत से सरकार बनाती है, तो कोई भी बाबरी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देगा।"
90 सीटों का लक्ष्य क्यों?
हुमायूं कबीर का कहना है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी को कम से कम 90 विधानसभा सीटें जीतनी होंगी। उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी के पास 90 सीटें होंगी, तो राज्य की सत्ता की 'चाबी' उनके हाथ में होगी।
उन्होंने कहा, "मुझे 90 सीटें जितवा दीजिए। तब सरकार की चाबी मेरे हाथ में होगी। वरना आप जितना भी पैसा और ईंटें देंगे, मैं उसका इस्तेमाल नहीं कर पाऊंगा।"
6 दिसंबर को रखी गई है मस्जिद की नींव
हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी। इसके बाद से उस स्थल पर लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। बीते दिन शुक्रवार (19 दिसंबर) को जुम्मे की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे। खुद हुमायूं कबीर भी मौके पर मौजूद रहे।
वहीं, उन्होंने दावा किया कि 22 दिसंबर को बेलडांगा में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुटेगी। उसी दिन वे अपनी नई पार्टी की औपचारिक घोषणा करेंगे। हुमायूं पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
शुक्रवार शाम को कबीर ने नवादा थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी इलाके में एक जनसभा में भी हिस्सा लिया। यह सभा वक्फ अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर आयोजित की गई थी। वहां भी उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य विधानसभा चुनाव में 90 सीटें जीतना है।
बता दे कि बाबरी मस्जिद के मुद्दे को लेकर TMC ने हुमायूं कबीर को पहले ही पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसके बाद कबीर ने यह ऐलान किया है कि वे 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेंगे, और अब उन्होंने यह भी लगभग साफ कर दिया है कि बाबरी मस्जिद का मुद्दा उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
हुमायूं कबीर का यह रुख बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, खासकर मुर्शिदाबाद और आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में। बाबरी मस्जिद का मुद्दा, नई पार्टी की घोषणा और सीटों का बड़ा दावा, इस बात का संकेत देते हैं कि आने वाले दिनों में बंगाल का चुनावी माहौल और ज्यादा गरमाने वाला है।
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