Parliament Winter Session 2025: सरकार की तरफ से सोमवार (1 दिसंबर) को संसद में देश के भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर भारतीय बैंकों का भारी बकाया होने का खुलासा किया गया। सरकार के मुताबिक, विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे 53 भगोड़े अपराधियों पर बैंकों का कुल 58,000 करोड़ रुपये बकाया है। जमा किए गए डेटा के मुताबिक, इसमें मूलधन और जमा हुआ ब्याज दोनों शामिल हैं। केंद्र ने बताया कि सरकार ने इन भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने और बेचने की कार्रवाई तेज कर दी है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने कहा कि बैंकों ने इन अपराधियों से अब तक संपत्ति जब्त करने और लिक्विडेशन की कार्रवाई के जरिए 19,187 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। भगोड़े आर्थिक अपराधों के कुल 53 मामलों को फ्लैग किया गया है। इनमें भारत के बैंकिंग सिस्टम से धोखाधड़ी करने के आरोपियों में कुछ सबसे हाई-प्रोफाइल नाम भी शामिल हैं। इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी और संदेशरा परिवार भी शामिल हैं। ये वो रसूखदार लोग हैं, जिन्होंने सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर देश से रफूचक्कर हो गए। सरकार के मुताबिक, अब कानून का हाथ इन तक पहुंच चुका है।
संसद को शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों का 22,065 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें से बैंकों ने संपत्ति जब्त करने और लिक्विडेशन के जरिए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक वसूल कर लिए हैं। जबकि नीरव मोदी पर 9,656 करोड़ रुपये बकाया हैं। उससे भी 545 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। जबकि दोनों के खिलाफ बाकी के लिए कानूनी फंदा कसता जा रहा। इसी तरह कई दूसरे लोगों को मिलाकर कुल बकाया 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
सरकार ने संसद को बताया कि लिस्ट में 15 बड़े भगोड़े अपराधी शामिल हैं। इनमें से दो ने लेंडर्स के साथ सेटलमेंट पर बातचीत की है। अधिकारियों ने कहा कि फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (FEOA) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एसेट्स को सुरक्षित करने, एक्सट्रैडिशन को आगे बढ़ाने और रिकवरी को अधिक से अधिक करने की कोशिशें जारी हैं।
यह डेटा उन आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ भारत की चल रही लड़ाई के पैमाने को दिखाता है। स्टर्लिंग ग्लोबल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग SEZ एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नितिन संदेशरा और चेतन संदेशरा ने इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब नेशनल बैंक दोनों के साथ अपने बकाया लोन चुका दिए हैं। सरकार ने कहा है कि इन सेटलमेंट की कुल कीमत 496 करोड़ रुपये है। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (1 दिसंबर) से शुरू हुआ, जो 19 दिसंबर तक चलेगा।