Goa Night Club Fire: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार (7 दिसंबर) को बड़ा दावा करते हुए कहा कि 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब में लगी आग के कारणों का खुलासा हो गया है। सीएम ने कहा कि क्लब के अंदर पटाखों की वजह से आग लगी थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि Birch by Romeo Lane के अंदर इलेक्ट्रिक पटाखे फोड़े गए थे, जिससे आग लगी। पुलिस ने पहले कहा था कि सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से आग लगी। लेकिन सावंत ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि आग इलेक्ट्रिकल पटाखों की वजह से लगी थी।
उन्होंने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "कुछ लोग बाहर आ गए, लेकिन कुछ नहीं आ सके, जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। पूरी जांच की जा रही है, और एक हफ्ते में रिपोर्ट मिल जाएगी।" मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नाइट क्लब के चार स्टाफ मेंबर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है जिन्होंने नियमों को तोड़ते हुए क्लब को चलने दिया।
उत्तर गोवा का लोगों से खचाखच भरा एक नाइट क्लब शनिवार (6 दिसंबर) आधी रात के बाद आग की भीषण लपटों में घिर गया। इससे 25 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने क्लब में कथित अवैध गतिविधियों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने पहले कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि संभवत: सिलेंडर विस्फोट के कारण आग लगी। लेकिन इस त्रासदी में बचे एक पर्यटक ने दावा किया कि डांस के दौरान आतिशबाजी की गई और वही आग लगने की असली वजह हो सकती है।
पुलिस के मुताबिक, मृतकों में चार पर्यटक और 14 कर्मचारी शामिल हैं। जबकि बाकी सात की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ FIR दर्ज की है।"
उन्होंने बताया कि क्लब मैनेजर और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने अरपोरा-नागोवा पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर को हिरासत में लिया है। उन्होंने 2013 में इसके लिए व्यापार लाइसेंस जारी किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने इस घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया।
पर्यटकों ने बताई पूरी कहानी
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आग पहली मंजिल पर लगी थी। भीड़भाड़ होने एवं छोटे दरवाजों के कारण लोग बाहर नहीं भाग सके। राज्य पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि आग सिलेंडर में विस्फोट के कारण लगी थी। लेकिन कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया था कि आग क्लब की पहली मंजिल पर लगी थी, जहां पर्यटक नाच रहे थे। समय रहते बाहर निकलने में कामयाब रही दिल्ली की एक पर्यटक रिया ने दावा किया कि हर तरफ आतिशबाजी हो रही थी।
रिया के मुताबिक, "आग इसी वजह (आतिशबाजी) से लगी होगी। भगदड़ जैसी स्थिति हो गई थी।" हैदराबाद की रहने वाली फातिमा शेख ने पीटीआई से कहा, "आग की लपटें उठते ही अफरा-तफरी मच गई। हम क्लब से बाहर भागे, तो देखा कि पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा हुआ था। वीकेंड होने की वजह से नाइट क्लब खचाखच भरा हुआ था। 'डांस फ्लोर' पर कम से कम 100 लोग थे।"
शेख ने बताया कि आग लगने के बाद कुछ पर्यटक नीचे की ओर भागे। वे ग्राउंड पर स्थित किचन में चले गए। उसने कहा, "वे (पर्यटक) अन्य कर्मचारियों के साथ वहीं फंस गए। कई लोग क्लब से बाहर निकलने में कामयाब रहे।" शेख के अनुसार, कुछ ही देर में पूरा क्लब आग की चपेट में आ गया। उसने कहा, "वहां ताड़ के पत्तों से बना एक अस्थायी ढांचा था, जिसने तेजी से आग पकड़ ली।"
नाइट क्लब संकरी गलियों में स्थित होने के कारण दमकल की गाड़ियों के लिए क्लब तक पहुंचना संभव नहीं हो सका। उनके टैंकर को घटनास्थल से लगभग 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि संकरी गलियों के कारण घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया। इससे आग पर काबू पाना एक चुनौतीपूर्ण काम बन गया। अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई।