भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार ने टेलिकॉम ऑपरेटर्स को मुस्तैद रहने को कहा है। सभी प्राइवेट और सरकारी टेलिकॉम ऑपरेटर्स को आपदा-स्तर यानि डिजास्टर लेवल की तैयारियां सुनिश्चित करने, देश भर में निर्बाध टेलिकॉम कनेक्टिविटी बनाए रखने और निर्बाध नेटवर्क संचालन की गारंटी के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। 7 मई को हुई मीटिंग में सभी टेलिकॉम कंपनियों को सीमावर्ती क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष जोर देते हुए, देश भर में नेटवर्क सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सतर्क रहने का निर्देश दिया गया।
चर्चा से जुड़े एक अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, "दूरसंचार विभाग के अधिकारियों और टेलिकॉम कंपनियों के बीच एक मीटिंग हुई...टेलिकॉम कंपनियों को चक्रवात या युद्ध के दौरान की आपदाओं के लिए अपने नेटवर्क तैयार करने का निर्देश दिया गया। इसमें फ्यूल सप्लाई, कंट्रोल रूम्स और क्विक रिएक्शन टीम्स से संबंधित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) की टेस्टिंग शामिल है।"
विभाग, कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में
दूरसंचार विभाग ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी कर टेलिकॉम कंपनियों से शुरुआती सावधानी बरतने और एसओपी सुनिश्चित करने की अपील की। अधिकारी ने कहा कि विभाग, कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में है। विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी टेलिकॉम कंपनियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। सुरक्षा प्रोटोकॉल के मामले में, वे पहले से ही सभी प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं, लेकिन अगर जरूरी हुआ, तो उन्हें और अधिक उपायों के साथ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कहा जा सकता है।
मीटिंग के दौरान, दूरसंचार विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों को निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ तालमेल के साथ काम करने का आदेश दिया। इसके अलावा, कंपनियों को किसी भी नेटवर्क डाउनटाइम के बारे में DoT को सूचित करने और नियमित रूप से इसकी निगरानी करने के लिए कहा गया।
सुरक्षा प्रोटोकॉल अप-टू-डेट
प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों में से एक के साथ काम करने वाले एक टॉप एग्जीक्यूटिव का कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल अप-टू-डेट हैं, और सभी टेलिकॉम कंपनियां हर महीने DoT को कंप्लायंस रिपोर्ट सौंपती हैं।एग्जीक्यूटिव ने कहा, "SOPs सुनिश्चित किए जा रहे हैं, सुरक्षा स्तर या नेटवर्क हार्डवेयर स्तर पर किसी बड़ी दखलंदाजी की जरूरत नहीं है।"
भारत सरकार ने अपनी नोडल साइबर एजेंसी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के माध्यम से, वित्तीय संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण सेक्टर्स को अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। इंडियन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट करने वाले साइबर हमलों में बढ़ोतरी को देखते हुए ये निर्देश जारी किए गए हैं।
यह अर्जेंसी सरकारी नेटवर्क से आगे तक फैली हुई है, प्राइवेट इंडस्ट्रीज भी उभरते खतरों का मुकाबला करने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स एफर्ट्स में शामिल हो रही हैं। CERT-In ने विशेष रूप से बैंकों और अन्य प्रमुख क्षेत्रों को सलाह जारी की है। इसके अलावा, सरकार ने NASSCOM जैसे उद्योग संघों के साथ मिलकर एक व्यापक अलर्ट और कोऑर्डिनेशन मैकेनिज्म स्थापित किया है।