पिछले तीन दिनों से ऑटो सेक्टर में रफ्तार देखने को मिल रही है। लेकिन तीन दिन पहले इस सेक्टर के लिए कुछ दिक्कत भरी चीजें सामने आ रही है। असल में चीन से जो अर्थ आयात हो रहा था। उसमें चाइना तरफ से कुछ चिंताएं सामने आईं थी। इन चिंताओं को दूल करने करने के लिए उच्च स्तरीय बातचीत भी हो रही थी। लेकिन अब सरकार खुद ही रेयर अर्थ के उत्पादन किये जाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए सरकार देश में रेयर अर्थ उत्पादन के लिए खास इंसेंटिव स्कीम लाने पर विचार कर रही है, ताकि रेयर अर्थ का उत्पादन बढ़ सके। इसको लेकर सरकार ने ड्राफ्ट तैयार किया है। देश में इसकी क्षमता हो सकती है लेकिन इसको निकालना और रिफाइन करना ये बड़ा मुद्दा है।
इस खबर ज्यादा जानकारी देते हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के रोहन सिंह ने कहा कि हमारे पास 6.9 मेट्रिक टन की क्षमता है। लेकिन रिफाइनिंग की जो क्षमता है वह नहीं के बराबर है। ये काम चीन ने काफी पहले से शुरू कर दिया था लिहाजा उनके पास क्षमता बन चुकी है। फिलहाल इस समस्या पर तात्कालिक समाधान के लिए भारत चीन से डिप्लोमैटिक तरीके से बातचीत कर रहा है।
लेकिन इसके साथ ही सरकार इस संबंध में बड़ी स्कीम पर भी काम कर रही है। लगभक 5000 करोड़ रुपये की इंसेटिव स्कीम पर सरकार काम कर रही है। माना जा रहा है कि रेयर अर्थ मैग्नेट्स प्रोडक्शन लिए 5,000 करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम सरकार द्वारा लाई जा सकती है। इसके तहत भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उत्पादन और रिफाइनिंग पर फोकस किया जायेगा।
ये स्कीम 3 साल से 5 साल के लिए ही सकती है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार है और अगले दो हफ्ते में इस योजना को मंजूरी मिल सकती है। इसके स्टेकहोल्डर्स से इस बारे में चर्चा चल रही है। जो कंपनियां माइनिंग से जुड़ी हैं, मिनरल से जुड़ी हैं, उनसे बोलियां मंगाई जायेंगी।
इंसेंटिव का आवंटन रिवर्स ऑक्शन के जरिये किया जायेगा। कुल मिलाकर देश में रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन बढ़ाना इस स्कीम का लक्ष्य है। इसके साथ ही चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है। आत्मनिर्भर भारत की तरफ इसे सरकार का एक और बढ़ता हुआ कदम माना जा सकता है। भारत में करीब 6.9 MT रेयर अर्थ मिनरल का भंडार मौजूद है।