रोजगार बढ़ाने की दिशा में सरकार का बड़ा फैसला, कैबिनेट ने इससे जुड़ी इंसेंटिव स्कीम के लिए 1 लाख करोड़ रुपये किये मंजूर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज बुधवार 1 जुलाई को ऐलान किया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई को मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन 15,000 रुपये तक मिलेगा

अपडेटेड Jul 01, 2025 पर 4:35 PM
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इस योजना के तहत अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए नियोक्ताओं को दो साल की अवधि के लिए इंसेटिव दिया जाएगा। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ भी दिया जाएगा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई को मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी। आज बुधवार 1 जुलाई को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (I&B Minister Ashwini Vaishnaw) ने इसकी घोषणा की। सरकार ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करने के साथ सभी क्षेत्रों में रोजगार निर्माण करने, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, जहां पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा। वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ भी दिया जाएगा।

ईएलआई योजना (ELI Scheme) की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा देने के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। जिसका कुल बजट खर्च 2 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।

ELI स्कीम का लक्ष्य 99,446 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले होंगे। इस योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच पैदा हुई नौकरियों पर लागू होगा।

इस योजना में दो भाग हैं, जिसमें भाग ए पहली बार काम करने वालों पर केंद्रित है और भाग बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है:


भाग ए: पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को इंसेटिव:

EPFO में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए इस भाग में दो किश्तों में 15,000 रुपये तक का एक महीने का ईपीएफ वेतन दिया जाएगा। इस स्कीम के लिए 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे। पहली किश्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (financial literacy programme) पूरा करने के बाद देय होगी। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेटिव का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के सेविंग इंस्ट्रूमेंट में रखा जाएगा। इसे कर्मचारी द्वारा बाद में निकाला जा सकता है।

भाग ए से लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लाभ होगा।

भाग बी: नियोक्ताओं को सहायता:

इस भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार निर्माण करने को शामिल किया जाएगा। इसमें मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस किया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में इंसेटिव मिलेगा। सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक इंसेटिव देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए इंसेटिव तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाए जाएंगे।

EPFO के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ता) को कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर नियुक्त करने की आवश्यकता होगी। वहीं 50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं को पांच अतिरिक्त कर्मचारी उतनी ही अविध के लिए नियुक्त करना आवश्यक होगा

 

 

 

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