Attack On Army Camp: असम के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर में गुरुवार (17 अक्तूबर) देर रात भारी गोलीबारी और कई ग्रेनेड विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। बताया जा रहा है कि काकोपाथर आर्मी कैंप के पास लगभग एक घंटे तक गोलीबारी की गई। न्यूज 18 को सूत्रों से पता चला है कि गुरुवार आधी रात के आसपास काकोपाथर स्थित भारतीय सेना की 19 ग्रेनेडियर्स यूनिट के कैंप को निशाना बनाकर ग्रेनेड फेंके गए। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इस विस्फोट में सेना के तीन जवान घायल हो गए हैं।
घटना के बाद सेना और पुलिस ने इलाके को घेर लिया। रात भर सर्च ऑपरेशन किया किया। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि, हमले का शक ULFA(I) पर है। अधिकारियों ने न्यूज 18 को बताया कि घटना के बाद सेना और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है। घटनास्थल के आसपास नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। अपराधियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान जारी है।
सूत्रों ने बताया कि काकोपाथार आर्मी कैंप के पास गुरुवार रात करीब 12 बजे अचानक तेज धमाकों की आवाजें सुनाई देने लगीं। इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। इससे लोग डर से अपने घरों में चले गए। हमले की खबर मिलते ही सेना और पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। सभी की पूरी जांच की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों की तरफ से इस्तेमाल किया गया एक ट्रक बाद में पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में लावारिस हालत में मिला है। खबर लिखे जाने तक किसी भी आतंकी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, शुरुआती संदेह उल्फा (इंडिपेंडेंट) गुट की ओर है। इसका ऊपरी असम में इसी तरह के हमले करने का इतिहास रहा है।
इस गुट का संचालन म्यांमार में बैठकर कमांडर परेश बरुआ करता है। 2023 में भी इसी सेना के कैंप पर ऐसा हमला हुआ था। उस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने बरुआ सहित छह लोगों पर आरोपपत्र दाखिल की थी।
सेना और पुलिस के जाइंट सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है। आसपास के सभी इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दें। पुलिस ने कहा है कि ट्रक की बरामदगी से जांच में अहम सुराग मिल सकते हैं।