उत्तर प्रदेश भारत की सेमीकंडक्टर पहल के केंद्र में आने की तैयारी कर रहा है। राज्य के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने 2 दिसंबर को बताया कि HCL–फॉक्सकॉन की संयुक्त परियोजना 2027-28 तक काम शुरू कर देगी। लखनऊ में UP Tech Next Electronics and Semiconductor Summit के दौरान शर्मा ने कहा कि यूपी सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटित कर चुकी है और इसका 60% पूंजीगत सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा, “हम उन्हें बिजली और 24 घंटे पानी की सुविधा देंगे।”
शर्मा ने बताया कि 2002 से 2017 के बीच निवेशक यूपी में आना नहीं चाहते थे क्योंकि कानून-व्यवस्था ठीक नहीं थी। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। उन्होंने कहा, “पहले यूपी में एक जिला–एक माफिया था, अब एक जिला–एक उत्पाद है।”
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में किसी भी निवेशक को कोई परेशानी नहीं होगी।
यूपी को बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में शर्मा ने कहा, “अभी हम ताइवान से पीछे हैं, लेकिन आगे चलकर हमें उनसे आगे होना चाहिए।" इससे पता चलता है कि यूपी वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में ऊंची जगह हासिल करने का लक्ष्य रखता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सेमीकंडक्टर नीति उत्साहजनक है और राज्य को टैरिफ को लेकर कोई चिंता नहीं है, यानी यूपी बड़े स्तर पर चिप और इलेक्ट्रॉनिक्स इकाइयों को आकर्षित करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ और लाभ देने को तैयार है।
शर्मा ने बताया कि यूपी सरकार ने सभी बड़े टेक कंपनियों को राज्य में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, “हम और कंपनियों से भी बात कर रहे हैं, जिनमें Apple भी शामिल है।”
उन्होंने यह भी बताया कि 27,000 करोड़ रुपये का टार्क सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट 2024 में राज्य मंत्रिमंडल से पास हो चुका है और केंद्र की मंजूरी का इंतज़ार कर रहा है।
राज्य की आर्थिक महत्वाकांक्षा से जोड़ते हुए शर्मा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और आईटीईएस यूपी के 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “आज का यूपी, पुराना यूपी नहीं है।”
सरकार राज्य के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर बनाना चाहती है और इसी दिशा में काम कर रही है। शर्मा ने कहा, “हम आयात पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देंगे।”