J&K CM Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (30 सितंबर) को कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश के वास्ते पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द बहाल कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन करने के बजाय इस्तीफा दे देंगे। अनंतनाग जिले के अचबल क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह राज्य का दर्जा पाने के लिए कोई राजनीतिक समझौता करने को तैयार नहीं हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्होंने सरकार में बीजेपी को शामिल किया होता, तो पूर्ण राज्य का दर्जा जल्दी बहाल हो सकता था।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर आप (लोग) तैयार हैं, तो मुझे बताएं, क्योंकि मैं उस सौदे को करने के लिए तैयार नहीं हूं। अगर सरकार में भाजपा को शामिल करना ज़रूरी है, तो मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। यहां किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बनाएं और भाजपा के साथ सरकार बनाएं।" उन्होंने कहा, "क्या हमें सरकार में BJP को शामिल करना चाहिए था? एक संभावना थी कि BJP को सरकार में शामिल करके, हमें एक उपहार मिल सकता था। वे हमें राज्य का पूर्ण दर्जा जल्दी दे देते।"
भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के मुद्दे पर विभाजनकारी राजनीति को फिर से हवा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अब खोखले नारे और पुरानी बातों से लोगों को भड़का नहीं सकती। बीजेपी ने कहा कि देश के नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। भगवा पार्टी ने कहा कि सही समय पर इसे पूरा किया जाएगा।
यह बयान सोमवार को गांदरबल में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी मांग को लेकर धैर्य बनाए हुए हैं। लेकिन इसका फायदा नहीं उठाया जाना चाहिए। बीजेपी नेता अल्ताफ ठाकुर ने एक बयान में कहा, "जम्मू-कश्मीर न तो बांग्लादेश है और न ही नेपाल और उसे खोखले नारों और पुराने ढर्रे की बातों के आधार पर भड़काया नहीं जा सकता।"
'जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलेगा'
अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलेगा। उन्होंने कहा, "इसलिए इस मुद्दे पर राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं है। जब देश का नेतृत्व अपनी बात कह देता है, तो उसे सही समय पर पूरा भी किया जाता है। BJP, नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरह झूठ और फरेब में नहीं पड़ती। हम वादे करते हैं, जिन्हें हम पूरा कर सकते हैं और करते भी हैं।"
ठाकुर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व पर 1947 से जनमत संग्रह और स्वायत्तता के झूठे नारे लगाकर लोगों की भावनाओं को दोहन करने का आरोप लगाया। जबकि जमीनी स्तर पर कभी कोई ठोस काम नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी पूरी राजनीति धोखे और विश्वासघात पर खड़ी की है। दशकों तक उन्होंने झूठे वादों से लोगों को बेवकूफ बनाया, सत्ता हथिया ली और जरूरत के समय आम कश्मीरियों को छोड़ दिया। धोखे की वह राजनीति अब खत्म हो गई है।"
BJP नेता ने अब्दुल्ला पर ऐसे समय में विभाजनकारी राजनीति को फिर से हवा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जब PM मोदी के नेतृत्व में शांति, विकास और प्रगति नए जम्मू-कश्मीर को आकार दे रही है। ठाकुर ने कहा, "लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की उकसावे की राजनीति को नकार दिया है। कश्मीर आज रोजगार, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन विकास की आकांक्षा रखता है, न कि राज्य का दर्जा बहाल करने के खोखले नारों की, जिसका वादा पहले ही किया जा चुका है।"
उन्होंने कहा कि किसी को भी कश्मीर के शांतिपूर्ण हालात को अस्थिर करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो। ठाकुर ने कहा, "जो कोई भी कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके साथ कानून के मुताबिक सख्ती से निपटा जाएगा।"