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मानसून सत्र में पहलगाम, ट्रंप के दावे और बिहार में SIR को प्रमुखता से उठाएंगे, ‘INDIA’ गठबंधन का फैसला

बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उबाठा) के उद्धव ठाकरे, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और कुछ अन्य नेता शामिल हुए

अपडेटेड Jul 19, 2025 पर 11:40 PM
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मानसून सत्र में पहलगाम, ट्रंप के दावे और बिहार में SIR को प्रमुखता से उठाएंगे, ‘INDIA’ गठबंधन का फैसला

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 24 दलों के प्रमुख नेताओं ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले शनिवार को फैसला किया कि वे पहलगाम आतंकवादी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोके जाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे, बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कई अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।

उन्होंने इस मांग पर भी सहमति जताई कि पहलगाम, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ट्रंप के दावों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देना चाहिए।

विपक्षी गठबंधन के दलों के प्रमुख नेताओं ने ऑनलाइन बैठक की और उन्होंने तय किया कि शीघ्र ही वे एकसाथ मौजूद रहकर बैठक करेंगे।


बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उबाठा) के उद्धव ठाकरे, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।

बैठक में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शामिल नहीं हुए, हालांकि उनके स्थान पर क्रमश: अभिषेक बनर्जी और तिरुचि शिवा ने हिस्सा लिया।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले अपनी बात रखी और फिर उनके स्थान पर रामगोपाल यादव बैठक में शामिल हुए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक में देश से जुड़े विषयों और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिन्हें हम संसद सत्र के दौरान उठाएंगे। सभी की सहमति के साथ इस बैठक में मुख्य रूप से 8 मुद्दे सामने आए हैं। पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम और ट्रेड को लेकर ट्रंप के बयान, बिहार में एसआईआर के नाम पर हो रही वोटबंदी, विदेश नीति का विषय (पाक, चीन, गाजा), परिसीमन और देश में दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का फैसला हुआ।’’

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद विमान हादसा जैसे कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।

तिवारी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘मोदी सरकार जिस तरह से देश के हितों की अनदेखी कर रही है, उसके खिलाफ हम सभी एकजुट होकर लोकतांत्रिक ढंग से सदन में अपने विषय उठाएंगे। हम चाहेंगे कि संसद चले और मोदी सरकार हमारे सवालों का जवाब दे।’’

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ने इन प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया और कहा कि इन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार एवं प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बैठक में कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमला ‘‘खुफिया विफलता’’ का परिणाम था और भारत की विदेश नीति का क्षरण हो गया है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘खुफिया विफलता के बावजूद आईबी प्रमुख को सेवा विस्तार क्यों दिया गया? क्या मजबूरी थी?’’

बनर्जी ने दावा किया कि पुनरीक्षण की कवायद पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने का प्रयास है।

बैठक में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर यादव के मामलों को भी उठाया जाएगा।

पहले यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर होनी थी, लेकिन कुछ प्रमुख नेताओं की दिल्ली में अनुपलब्धता के कारण यह बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की गई। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं की बैठक लंबे समय बाद हुई है।

इस बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को गठबंधन को उस वक्त बड़ा झटका लगा था जब आम आदमी पार्टी (आप) ने ‘इंडिया’ गठबंधन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह अब विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा नहीं है और इसका नेतृत्व करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाया था।

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