बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के आरोपों पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारत ने साफ कहा है कि उसने कभी भी अपनी जमीन का इस्तेमाल बांग्लागेश के खिलाफ गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया और वह हमेशा वहां स्वतंक्ष, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों के पक्ष में रहा है। यह प्रतिक्रिया उस घटना के कुछ घंटे बाद आई, जब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से दिए गए बयानों को लेकर तलब किया था। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से लगाए गए ये आरोप पूरी तरह गलत हैं। यह बयान ढाका द्वारा जारी एक प्रेस नोट के जवाब में दिया गया।
MEA ने साफ किया कि भारत ने कभी भी अपनी जमीन का इस्तेमाल बांग्लादेश के मित्रवत लोगों के हितों के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए नहीं होने दिया है। साथ ही भारत ने बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और भरोसेमंद चुनावों के लिए अपने समर्थन को दोहराया।
कूटनीतिक बातचीत की वजह क्या थी
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ढाका ने भारत की जमीन से दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के “भड़काऊ” बयानों पर अपनी चिंता जताई है। इसके साथ ही आवामी लीग के उन नेताओं और कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर भी सवाल उठाए गए हैं, जो इस समय भारत में रह रहे हैं। 78 साल की शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में हैं। बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उनकी सरकार गिर गई थी, जिसके बाद वह बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं। पिछले महीने ढाका की एक विशेष अदालत ने शेख हसीना को 2024 में छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामलों में “मानवता के खिलाफ अपराध” का दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी।
अपने बयान में भारत ने कहा कि बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखना वहां की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, “हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। इसमें शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना भी शामिल है।” बांग्लादेश में 12 फरवरी को संसदीय चुनाव होने हैं। ये चुनाव पिछले साल हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पहले आम चुनाव होंगे, इसलिए भारत समेत अन्य पड़ोसी और क्षेत्रीय देश इन पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।
चुनावों को आवामी लीग ने नकारा
आवामी लीग ने आने वाले चुनावों को पहले ही खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार निष्पक्ष नहीं है, इसलिए उसके तहत सही चुनाव संभव नहीं हैं। पिछले हफ्ते जारी बयान में आवामी लीग ने कहा कि ऐसे माहौल में चुनाव कराना मुश्किल है, जहां पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनता की असली इच्छा दिखाई दे सके। वहीं मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने साफ कर दिया है कि विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
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