भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को सीजफायर होने के बाद सीमा पर अभी शांति दिख रही है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान ने नौ आतंकी ठिकानों को बड़ा हमला बोला था और आतंकियों को सफाया कर दिया था। उसके बाद पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब भारत ने जोरदार तरीके से दिया। वहीं अब दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है। भारत, अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में टीम भेजी जाएगी। यह पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले नए सबूत सौंपेगी।
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक टीम भेजेगा। ये टीम पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने के नए सबूत पेश करेगी। अगले हफ्ते UNSCR 1267 सेंक्शन्स कमेटी की बैठक होगी।
क्या है संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की स्थापना वर्ष 1999 में संकल्प 1267 के तहत की गई थी। इस समिति का मूल उद्देश्य तालिबान, ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा से जुड़े व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाना था। हालांकि, समय के साथ इस समिति का दायरा और प्रभाव बढ़ा है। अब यह समिति इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अन्य घोषित आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाने का कार्य करती है। इसमें यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति ज़ब्ती और हथियार प्रतिबंध जैसे सख्त कदम शामिल होते हैं। यह समिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समन्वित प्रयासों का हिस्सा है जिसका उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करना है।
भारत ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों की गतिविधियों को उजागर करने और सीमा पार आतंकी हमलों में उनकी संलिप्तता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति से बार-बार संपर्क किया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, पिछले कुछ वर्षों में कई आतंकियों को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल किया गया है। हालांकि, भारत द्वारा प्रस्तावित कुछ नामों को रोक का सामना भी करना पड़ा है। विशेष रूप से चीन, जो सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और जिसके पास वीटो शक्ति है, उसने कई बार इन प्रस्तावों पर वीटो किया है। इस तरह की बाधाएं आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की राह में गंभीर चुनौती बनकर सामने आती हैं।