India–US Trade Deal: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार (11 दिसंबर) को कहा कि अगर अमेरिका भारत-US व्यापार समझौते से संबंधित भारतीय प्रस्तवा से खुश है, तो उसे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के डॉक्यूमेंट पर तुरंत साइन कर देने चाहिए। गोयल ने भारत की तरफ से रखी गई पेशकश पर ट्रंप प्रशासन के विचारों का स्वागत किया। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से इंतजार किए जा रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन होने की कोई डेडलाइन बताने से परहेज किया।
वाणिज्य मंत्री अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। ग्रीयर ने कहा था कि अमेरिका को ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भारत से अब तक का सबसे अच्छा प्रस्ताव मिला है। इस पर गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "उनकी खुशी का बहुत स्वागत है। मेरा मानना है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर साइन कर देना चाहिए।"
हालांकि, उन्होंने अमेरिका को भारत की तरफ से की गई पेशकश के बारे में बताने से मना कर दिया। मंत्री ने कहा कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर की भारत की मौजूदा यात्रा किसी नए वार्ता दौर का हिस्सा नहीं है। बल्कि एक-दूसरे को बेहतर समझने का प्रयास है।
स्विट्जर ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाले भारतीय दल के साथ दो दिन तक बातचीत की। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी गुरुवार को फोन पर बातचीत हुई। इसमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब दोनों पक्ष बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में अगले साल मार्च में FTA पर साइन होने की संभावना जताई थी। उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि वह इस टिप्पणी से अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समझौते के लिए कोई भी समय-सीमा तय करना सही नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "कोई समझौता तभी होता है जब दोनों पक्षों को लाभ हो। समय-सीमा बनाकर वार्ता नहीं करनी चाहिए, इससे गलतियां होती हैं।" अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ग्रीयर ने मंगलवार को अमेरिकी सीनेट की एक सुनवाई में कहा कि भारत में मक्का, सोयाबीन, गेहूं और कपास और मांस जैसे कुछ उत्पादों को लेकर काफी प्रतिरोध है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक दिए गए प्रस्तावों में बहुत प्रगतिशील रुख दिखाया है।
ग्रीयर ने कहा, "भारत ने हमारे सामने जिस तरह के प्रस्ताव रखे हैं। वे अमेरिका को अब तक मिले सबसे अच्छे प्रस्ताव हैं। मुझे लगता है कि यह एक सक्षम वैकल्पिक बाजार है।" यह वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाया हुआ है।
पहले 25 फीसदी टैरिफ भारत के ट्रेड सरप्लस को लेकर लगाया गया था। बाद में रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया गया। इन इंपोर्ट ड्यूटीज़ ने अमेरिका को भारत के कुल एक्सपोर्ट पर बुरा प्रभाव डाला है।