Aditi Chauhan: भारतीय महिला टीम की पूर्व गोलकीपर अदिति चौहान ने फुटबॉल से संन्यास ले लिया हैं। उन्होंने अपने 17 साल के शानदार करियर को समाप्त करते हुए ये घोषणा की है। अदिति फिलहाल 32 साल की हैं। उन्होंने बताया कि अब उनका लक्ष्य भविष्य के खिलाड़ियों के लिए 'देश में फुटबाल का एक अच्छा इकोसिस्टम' बनाना है। बता दें कि अदिति यूरोप में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
अदिति ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'धन्यवाद, फुटबॉल मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए। 17 अविस्मरणीय सालों के बाद, मैं गर्व के साथ पेशेवर फुटबॉल से संन्यास ले रही हूं'। उन्होंने आगे लिखा, 'इस खेल ने मुझे सिर्फ एक करियर से कहीं अधिक दिया। इसने मुझे एक पहचान दी। दिल्ली में एक सपने का पीछा करने से लेकर यूके तक अपना रास्ता बनाने तक, जहां मैंने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में अपनी मास्टर्स की पढ़ाई की और वेस्ट हैम यूनाइटेड के लिए खेली। मैंने बिना किसी प्लानिंग के ही इस लंबे रास्ते को तय किया'।
अंतरराष्ट्रीय करियर और उपलब्धियां
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान अदिति ने भारत का 57 बार प्रतिनिधित्व किया और 2012, 2016 और 2019 में SAFF महिला चैंपियनशिप जीतने वाली वरिष्ठ टीमों का हिस्सा थीं। फिर उन्होंने इंग्लैंड में महिला सुपर लीग के लिए वेस्ट हैम यूनाइटेड के साथ करार कर लिया। उन्होंने वेस्ट हैम के साथ दो सीजन बिताए और 2018 की शुरुआत में भारत लौट आईं और 2019-20 इंडियन वुमन लीग के लिए गोकुलम केरल एफसी में शामिल हो गईं। घरेलू स्तर पर, अदिति ने गोकुलम केरल एफसी के साथ 2019-20 और 2021-22 में इंडियन वुमन लीग (IWL) का खिताब जीता, एएफसी महिला क्लब चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचीं और तीसरा स्थान हासिल किया। अपने अंतिम सीजन में उन्होंने नव-प्रमोटेड श्रीभूमि एफसी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कोलकाता की टीम को IWL में तीसरा स्थान मिला।
अदिति चौहान का क्या होगा अगला कदम?
अपने सन्यास की घोषणा के बाद अदिति ने कहा कि उनके पास 'खेल को देने के लिए अभी भी बहुत कुछ है' जिसने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने लिखा, 'जैसे ही मैं अब मैदान से परे जीवन में कदम रखती हूं, मैं इस विश्वास को अपने साथ लेकर चलती हूं कि अब एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक मजबूत मार्ग और इकोसिस्टम बनाने की बारी है। उन्होंने यह कहकर अपनी बात खत्म की, 'सूत्र वही रहता है: बड़ा सपना देखो, खुद पर विश्वास करो, और कड़ी मेहनत करो'।