इंडिगो एयरलाइन संकट मामले में केंद्र सरकार ने शनिवार को सख्ती दिखाई है। सरकार ने एयर टिकटों की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इंडिगो के एक हफ्ते तक चले ऑपरेशनल संकट से यात्रियों को भारी परेशानी हुई, जिसके बाद घरेलू उड़ानों के किराए पर अस्थायी सीमा तय कर दी गई है। यह फैसला तब लिया गया जब इंडिगो ने एक सप्ताह में कम से कम 1,600 उड़ानें रद्द कीं। इसके चलते पूरे देश में अफरातफरी मच गई, उड़ानों की उपलब्धता कम हो गई और सिविल एविएशन मंत्रालय के अनुसार कई बड़े रूट्स पर टिकटों के दाम “गैर-जरूरी रूप से” बढ़ गए थे।
सरकार ने कुछ समय के लिए हवाई किराए पर सीमा तय करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को जारी आदेश में मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइंस अब तय की गई अधिकतम लिमिट से ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेंगी। अलग-अलग दूरी के लिए अधिकतम किराया इस प्रकार होगा
इन लिमिट में UDF, PSF और अन्य टैक्स शामिल नहीं हैं। साथ ही यह नियम बिज़नेस क्लास और RCS-UDAN उड़ानों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है और संबंधित अथॉरिटी ने इसे मंजूरी दे दी है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को भी इन तय रूट्स पर किराए को “मॉनिटर और नियंत्रित” करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने दिखाई सख्ती
मंत्रालय ने बताया कि यह निर्णय पूरी तरह “जनहित में” लिया गया है और यह तब तक लागू रहेगा जब तक किराए सामान्य न हो जाएं या इसका पुनरावलोकन न किया जाए। निर्धारित किराया सीमा सभी बुकिंग पर लागू होगी—चाहे टिकट सीधे एयरलाइन की वेबसाइट से खरीदा गया हो या किसी ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल से। एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वे सभी किराया श्रेणियों में टिकटों की उपलब्धता सही तरीके से बनाए रखें और जिन रूट्स पर मांग अधिक है, वहां क्षमता बढ़ाने पर विचार करें। साथ ही, कैंसलेशन वाले रूट्स पर अचानक किराया बढ़ाने से बचना होगा। प्रभावित यात्रियों को अधिकतम सहायता देने पर जोर दिया गया है, जिसमें जहां संभव हो वहां रीबुकिंग विकल्प देना भी शामिल है।
ऑर्डर में कहा गया है कि सरकार ने अपनी नियामक शक्तियों का इस्तेमाल करके “उचित” और “वाजिब” किराए सुनिश्चित किए हैं और मौजूदा संकट के दौरान “मौके का फायदा उठाकर बढ़ाई गई कीमतों” पर रोक लगाई है।
इंडिगो कैंसलेशन से किराए में भारी उछाल
सरकार का यह कदम तब आया जब इंडिगो ने एक नवंबर से लागू हुई नई फ़्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के बाद क्रू रोस्टर की गलत प्लानिंग के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कर दीं। जैसे-जैसे उड़ानों की संख्या कम हुई, सभी एयरलाइंस के टिकटों के दाम अचानक कई गुना बढ़ गए। कई रूट्स पर किराया आम कीमत से पांच से दस गुना तक पहुंच गया। कुछ बिजी रूट्स पर राउंड-ट्रिप किराया ₹80,000 से ₹90,000 तक पहुंच गया। उस दौरान दिल्ली–मुंबई रिटर्न टिकट की कीमत बढ़कर ₹93,000 हो गई। बेंगलुरु के लिए किराया ₹92,000, कोलकाता के लिए ₹94,000 और चेन्नई के लिए लगभग ₹80,000 तक पहुंच गया। आमतौर पर इन रूट्स पर राउंड-ट्रिप इकॉनमी किराया ₹20,000–₹25,000 के आसपास होता है और आखिरी समय में भी किराया शायद ही कभी ₹30,000 से ऊपर जाता है।
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