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Indo-US Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर फैसले की घड़ी, US के कुछ इंडस्ट्रियल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी हो सकती है जीरो

Indo-US Trade Deal : इंडिया-यूएस ट्रेड डील को लेकर बहुत भारी कंफ्यूजन फैला हुआ है। ये कंफ्यूजन भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में फैला हुआ है। इस कंफ्यूजन को दूर करने की जरूरत है। सबसे पहले तो ये जान लें कि अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की डेडलाइन बढ़ा दी है। 9 जुलाई के बजाय अब नई ड्यूटी 1 अगस्त से लागू होगी

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 11:01 AM
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Indo-US Trade Deal : आज भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर फैसले की घड़ी है। US के कुछ इंडस्ट्रियल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी जीरो हो सकती है। भारत ने भी स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर ड्यूटी घटाने की मांग की है। इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज के इकोनॉमिक पॉलिसी एडीटर लक्ष्मण रॉय ने कहा कि ट्रेड डील पर आज रात फैसले की घड़ी है। इंडिया-यूएस ट्रेड डील को लेकर बहुत भारी कंफ्यूजन फैला हुआ है। ये कंफ्यूजन भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में फैला हुआ है। इस कंफ्यूजन को दूर करने की जरूरत है। सबसे पहले तो ये जान लें कि अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ की डेडलाइन बढ़ा दी है। 9 जुलाई के बजाय अब नई ड्यूटी 1 अगस्त से लागू होगी। यानी जो लोग डील नहीं करेंगे उनके ऊपर बढ़ी हुई ड्यूटी 1 अगस्त से लागू होगी। वहीं, जो देश डील करेंगे उन पर भी डील के तहत तय नई ड्यूटी 1 अगस्त से लागू होगी।

दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि आज की रात काफी अहम होने वाली है। अमेरिका के हिसाब तो 12 बजे लेकिन भारतीय समय के हिसाब से आज रात 9:30 बजे चिट्ठी जारी होगी। 15 देशों के नाम US ट्रेड डील की चिट्ठी जारी करेगा। भारत के नाम भी चिट्ठी जारी होने की संभावना है। इस चिट्ठी में बताया जाएगा कि इस ट्रेड डील के तहत अमेरिका कितना ड्यूटी कंसेशन दे रहा है और दूसरे देश को कितना ड्यूटी कंसेशन देना है। इन 15 देशों में भारत 100 फीसदी होगा ही होगा ये कहना मुश्किल है। लेकिन अनुमान ये है कि आज भारत के साथ भी ट्रेड डील का एलान हो सकता है क्योंकि अमेरिकी बातचीत का सबसे पहले शुरुआत भारत के साथ ही हुई थी।


भारत ने ट्रेड डील का अंतिम ड्राफ्ट US को सौंप दिया है। इसमें साफ कर दिया गया है कि अमेरिका से भारत में जो भी एग्रो प्रोडक्ट आएंगे उनमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। US के कई इंडस्ट्रियल गुड्स पर जीरो ड्यूटी संभव है। ऑटो पर भी भारत में ड्यूटी घटने की उम्मीद कम है। भारत की स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर ड्यूटी घटाने की मांग है। डील के बावजूद US से 10 फीसदी ड्यूटी जारी रह सकती है।

 

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