BRICS Summit 2025: 'आतंकियों पर बैन लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए'; ब्रिक्स में बोले पीएम मोदी, पढ़ें- बड़ी बातें

BRICS Summit 2025: ब्रिक्स समूह ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने का दृष्टिकोण अपनाने तथा इससे मुकाबला करने में दोहरे मापदंड त्यागने के भारत के रुख को दोहराया। ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही सहित आतंकवाद से निपटने में अपने दृढ़ दृष्टिकोण को स्पष्ट किया

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 8:32 AM
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BRICS Summit 2025: पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम हमला न केवल भारत पर, बल्कि पूरी मानवता पर आघात था

BRICS Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रविवार (6 जुलाई) को कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। पीएम मोदी ने शांति एवं सुरक्षा पर आयोजित सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम में हुआ कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा हमला है। इसी के साथ उन्होंने आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए एक साथ प्रयास करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन गया है।" ब्राजील के समुद्र तटीय शहर में हो रहे दो-दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के पहले दिन ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं ने विश्व के समक्ष उपस्थित विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने पहलगाम हमले पर कहा, "यह हमला न केवल भारत पर, बल्कि पूरी मानवता पर आघात था।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "आतंकवाद की निंदा करना हमारा 'सिद्धांत' होना चाहिए, न कि केवल सहूलियत।" उन्होंने कहा, "अगर हम पहले यह देखें कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ तो यह मानवता के साथ विश्वासघात करना होगा। आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।"

PM मोदी ने आतंकवादियों पर बिना किसी हिचकिचाहट के प्रतिबंध लगाने का आह्वान ऐसे समय में किया है जब हाल के वर्षों में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के कई आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रयासों को अवरुद्ध किया है। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता है।"

पीएम मोदी ने यह टिप्पणी उस पृष्ठभूमि में दी है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई तक चले सैन्य संघर्ष के बाद कई देशों द्वारा दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) को एक ही नजर से देखने पर असहजता की स्थिति पैदा हुई थी। उन्होंने कहा, "व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन सहमति देना, आतंक या आतंकवादियों का समर्थन करना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।"

PM मोदी ने कहा, "आतंकवाद के संबंध में कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। यदि हम ऐसा नहीं कर सकते तो स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठता है कि क्या हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर हैं भी या नहीं?" प्रधानमंत्री ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ खड़े रहे और इसका समर्थन करने वाले मित्र देशों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।


जिनपिंग-पुतिन नहीं हुए शामिल

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया। सम्मेलन का आयोजन समूह के वर्तमान अध्यक्ष ब्राजील ने किया है। ब्रिक्स एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है। इसमें दुनिया की 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा सिर्फ एक आदर्श नहीं है। बल्कि यह हमारे साझा हितों और भविष्य की नींव है।

उन्होंने कहा, "मानवता का विकास केवल शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही संभव है। इस उद्देश्य को पूरा करने में ब्रिक्स की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होना होगा और सामूहिक प्रयास करने होंगे। हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा।"

गाजा के हालात पर जताई चिंता

PM मोदी ने अपने संबोधन में गाजा की स्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक आज दुनिया विवादों और तनावों से घिरी हुई है। गाजा में मानवीय स्थिति बहुत चिंता का कारण है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत का दृढ़ विश्वास है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता के कल्याण के लिए शांति का मार्ग ही एकमात्र विकल्प है।"

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उन्होंने कहा, "भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है जो दुनिया को विभाजन और संघर्ष से दूर और संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर ले जाए तथा एकजुटता और विश्वास बढ़ाए।"

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jul 07, 2025 8:30 AM

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