Ex-CJI DY Chandrachud News: सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ से दिल्ली के उनके सरकारी बंगले (5, कृष्ण मेनन मार्ग) को तुरंत खाली करवाने को बोला है। पूर्व CJI डी वाई चंद्रचूड़ अभी भी चीफ जस्टिस के आधिकारिक बंगले में रह रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। साथ ही उनके बंगला को फौरन खाली करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि केंद्र उनसे फौरन बंगला खाली कराया जाए। फिर उसे सुप्रीम कोर्ट के आवास पूल को वापस दिया जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को अभी तक सरकारी आवास नहीं मिला है। सूत्रों ने CNN-न्यूज18 को बताया कि लुटियंस दिल्ली में कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5 को बिना देरी के खाली करने का अनुरोध किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में पद संभालने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपनी रिटायरमेंट के लगभग आठ महीने बाद भी VIII बंगले में ही रह रहे हैं।
उनके उत्तराधिकारी जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान CJI भूषण आर गवई दोनों ने आधिकारिक आवास में जाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपने पहले से आवंटित आवास में ही रहने का विकल्प चुना है। जबकि तीन जज सुप्रीम कोर्ट के ट्रांजिट अपार्टमेंट में रह रहे हैं। वहीं, एक जज राज्य के गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को कृष्णा मेनन मार्ग स्थित पूर्व CJI के आधिकारिक बंगले की तुरंत जरूरत है।
शीर्ष अदालत चाहता है कि बंगला वापस सुप्रीम कोर्ट के आवास पूल में आ जाए। इसलिए सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह सुनिश्चित करे कि बंगला तुरंत खाली हो जाए। सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से लिखी गई चिट्ठी के मुताबिक, रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है।
इसमें कहा गया है कि उनके अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 मई तक बंगले में रहने की अनुमति दी थी। लेकिन अब वह अवधि भी पूरी हो चुकी है। साथ ही नए जजों को आवास के आवंटन में समस्या हो रही है। ऐसे में पूर्व CJI से तुरंत सरकारी बंगला खाली करवाया जाए।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने CNN-News18 से बातचीत में कहा कि उनके उत्तराधिकारी पूर्व CJI संजीव खन्ना ने उन्हें अप्रैल 2025 तक बंगले में रहने की अनुमति दी थी। फिर अप्रैल के अंत में उन्होंने जून तक और समय मांगा क्योंकि उनकी बड़ी बेटी निमलाइन मायोपैथी नामक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से पीड़ित है। उसके लिए मौजूदा बंगले में ICU जैसा सेटअप तैयार किया गया है। इसलिए, हमारी जरूरतों के अनुसार खुले बाजार में घर ढूंढना मुश्किल है। इसलिए मैंने सरकार से मुझे किराए पर एक अस्थायी आवास देने का अनुरोध किया था।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आवंटित सरकारी घर में काफी मरम्मत की जरूरत है। वह काम पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद शिफ्टिंग प्रक्रिया शुरू हो सकती है। चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि हमारी बेटियों की विशेष जरूरतें हैं। खुले मार्टेट में उनकी जरूरतों के हिसाब से घर ढूंढना मुश्किल है। इसलिए मैंने सरकार से किराए पर अस्थायी आवास मांगा। लेकिन मरम्मत का काम पूरा होने के बाद वह जल्द ही नए घर में रहने लगेंगे।