शीना बोरा हत्याकांड में अभियोजन पक्ष को झटका देते हुए मुख्य गवाह विधि मुखर्जी ने मंगलवार को अदालत में जांच एजेंसियों के सामने कोई बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया और कहा कि CBI की चार्जशीट में उनके बयान वाला संलग्न दस्तावेज ‘‘जाली और मनगढ़ंत’’ हैं। विधि, इंद्राणी मुखर्जी और उनके पूर्व पति संजीव खन्ना की बेटी है, जो दोनों एक दशक पुराने सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपी हैं। शीना बोरा भी इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थी।
मंगलवार को विधि मुखर्जी स्पेशल CBI न्यायाधीश जे पी दारेकर के सामने हत्या के मामले में गवाह के तौर पर पेश हुईं। विधि ने दावा किया कि उनकी मां के पास अपना बचाव करने के लिए कोई पैसा नहीं बचा था, क्योंकि मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी के बेटों राहुल और राबिन ने उनके करोड़ों रुपए के पैतृक आभूषण और उनके अकाउंट से सात करोड़ रुपए की नकदी चुरा ली थी।
गवाह ने कहा कि इस तरह, इस मामले में जमानत पर बाहर आई इंद्राणी मुखर्जी को झूठा फंसाने का उनका साफ उद्देश्य था।
विधि मुखर्जी ने माना कि उन्हें पहले मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस और फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्होंने अदालत को बताया कि जांच एजेंसियों ने उनसे सवाल पूछे और उन्होंने उनके जवाब दिए।
हालांकि, उन्होंने केंद्रीय एजेंसी या पुलिस के सामने कोई बयान दर्ज कराने से इनकार किया।
गवाह ने दावा किया कि CBI ऑफिस में उससे कई दस्तावेजों पर साइन करवाए गए, जिनमें ईमेल की कॉपी (बोरा के साथ उसकी कथित बातचीत) और कुछ खाली पन्ने शामिल थे।
जब CBI के आरोपपत्र में उनके बयान वाला हिस्सा विधि मुखर्जी को अदालत में गवाही के दौरान दिखाया गया, तो उन्होंने साफतौर से कहा कि यह "मेरी तरफ से या मेरे निर्देश पर कभी दर्ज नहीं किया गया था"।
बचाव पक्ष के वकील रंजीत सांगले के एक सवाल का जवाब देते हुए गवाह ने कहा, इसलिए यह कहना सही है कि आरोपपत्र में संलग्न बयान "जाली और मनगढ़ंत" है।
विधि मुखर्जी ने तर्क दिया कि अगर ऐसा जाली बयान मेरे नाम से दर्ज किया गया है, तो "इसके पीछे छिपे उद्देश्य और दुर्भावनापूर्ण इरादे होंगे।"
उन्होंने तर्क दिया कि किसी ने उनके जैविक माता-पिता - इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना - को मामले में झूठा फंसाने के लिए उनके बयान में जालसाजी की है।