इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के लिए नया चेयरमैन ढूंढना टेढी खीर होता जा रहा है। इसकी वजह है IRDAI का हेडक्वार्टर हैदराबाद में होना। कई लोग IRDAI का चेयरपर्सन तो बनना चाहते हैं लेकिन हैदराबाद नहीं जाना चाहते। सूत्रों के अनुसार, प्रबल दावेदार अजय सेठ ने नई दिल्ली से रीलोकेट होने से मना करते हुए इस पद को अस्वीकार कर दिया है। सेठ वर्तमान में वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव हैं और राष्ट्रीय राजधानी में हैं।
हैदराबाद न जाने की इच्छा रखने वाले दावेदारों में के नागराजू भी शामिल हैं। यह भी IRDAI के चेयरपर्सन के लिए एक प्रमुख नाम हैं। नागराजू वर्तमान में वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग के सचिव हैं और नई दिल्ली में कार्यरत हैं।
IRDAI में चेयरपर्सन का पद 14 मार्च, 2025 से खाली है। पिछली बार यह पद सुभाष चंद्र खुंटिया के जाने के बाद 10 महीने तक खाली रहा था। मार्च 2022 में देबाशीष पांडा चेयरपर्सन बने थे। IRDAI चेयरपर्सन के लिए रिक्रूटमेंट प्रोसेस मार्च 2025 में ही शुरू कर दी गई थी और आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 6 अप्रैल थी।
दिल्ली और हैदराबाद की दूरी हो सकती है वजह
एक बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया कि ऐसा लगता है कि हैदराबाद और दिल्ली के बीच की दूरी IRDAI के चेयरपर्सन की पोजिशन के लिए हैदराबाद न जाने का मुख्य कारण है। सीनियर ब्यूरोक्रेट्स नई दिल्ली में प्रमुख मंत्रालयों के करीब रहना पसंद करते हैं। अधिकारी ने आगे कहा, "दावेदारों की लिस्ट से नामों के लगातार बाहर होने के साथ, सरकार अब अपनी अप्रोच पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर हो सकती है।"
हैदराबाद में क्यों है हेडक्वार्टर?
सूत्रों ने संकेत दिया कि IRDAI का मुख्यालय हैदराबाद में मुख्य रूप से 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू किए गए डीसेंट्रलाइजेशन के कारण है। IRDAI की शुरुआत 1999 में हुई थी और उस वक्त इसका हेडक्वार्टर नई दिल्ली में था। लेकिन फिर साल 2001 में इसके पहले फुल टाइम चेयरपर्सन एन रंगाचारी के नेतृत्व में हेडक्वार्टर को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया। उस वक्त विकसित होते इंफ्रास्ट्रक्चर, कम ऑपरेशनल कॉस्ट और स्किल्ड वर्कफोर्स की उपलब्धता के कारण, हैदराबाद को एक उपयुक्त विकल्प माना गया। यह फैसला दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और अन्य शहरों को प्रशासनिक और रेगुलेटरी हब्स के रूप में विकसित करने की सरकार की पहल का हिस्सा था।