India-China Border: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर महिला कर्मियों वाली 10 चौकियां स्थापित करने जा रही है। उधमपुर में ITBP के 64वें स्थापना दिवस परेड में भाषण देते हुए अर्धसैनिक बल के डायरेक्टर जनरल प्रवीण कुमार ने यह जानकारी दी। आईटीबीपी 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करती है। यह दुर्गम और बर्फीला सीमांत क्षेत्र है।
लद्दाख में 2020 के सैन्य झड़प के बाद शुरू की गई अपनी महत्वाकांक्षी 'फ्रंट लाइन प्रोजेक्ट' के तहत अर्धसैनिक बल ने अब तक भारत के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में फ्रंट लाइन पर 215 सीमा चौकियों की संख्या को भी बढ़ाया है। आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल प्रवीण कुमार ने शनिवार को जम्मू में आयोजित बल की 64वीं स्थापना दिवस परेड के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा, "हमने अग्रिम तैनाती योजना पर काम किया है। इसके परिणामस्वरूप फ्रंट लाइन की बॉर्डर चौकियों की संख्या अब 180 की तुलना में 215 हो गई है।" DG ने कहा, "सात नई बटालियन और एक सेक्टर मुख्यालय की स्थापना ने न केवल इस योजना (फ्रंट लाइन) को मजबूत किया है। बल्कि अग्रिम क्षेत्रों तक हमारी पहुंच और निगरानी को भी बढ़ाया है...।"
केंद्र ने 2023 में आईटीबीपी के लिए सात और बटालियन और लगभग 9,400 कर्मियों वाला एक सेक्टर कार्यालय मंजूर किया था। डीजी ने कहा कि बल निकट भविष्य में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा और समन्वय को मजबूत करने के लिए 41 और ऐसी फॉरवर्ड पोस्ट स्थापित करेगा।
महिला योद्धाओं की भूमिका बढ़ाने के लिए आईटीबीपी लद्दाख के लुकुंग और हिमाचल प्रदेश के थांगी में महिला कर्मियों वाली दो बॉर्डर चौकियां स्थापित करने की प्रक्रिया में है। प्रवीण कुमार ने कहा कि इस लाइन पर आठ और महिला चौकियां संचालित की जाएंगी।
एक लाख से ज्यादा कर्मियों वाली आईटीबीपी की सीमा चौकियां 9,000 से 14,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं। साल 1962 में गठित यह बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद ITBP को जल्द ही पूरी तरह से मॉडर्नाइज्ड फोर्स बनाना है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में रोडमैप बनाते समय स्मार्ट बॉर्डर टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत ह्यूमन रिसोर्स और कॉम्प्रिहेंसिव सिविल इंटरफेस बनाने पर खास जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के सालों में फॉरवर्ड पोस्ट पर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। लॉजिस्टिक्स ड्रोन के इस्तेमाल से अब फॉरवर्ड पोस्ट पर दवाएं और राशन भेजना मुमकिन हो गया है।