Jagdeep Dhankhar Pension: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए आवेदन दिया है। धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। वह जुलाई 2019 तक पूर्व विधायक के रूप में पेंशन ले रहे थे। धनखड़ के पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद यह पेंशन बंद कर दी गई थी। 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद धनखड़ ने पूर्व विधायक के रूप में पेंशन की बहाली के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में नए सिरे से आवेदन दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार सचिवालय ने इस आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनकी पेंशन उपराष्ट्रपति के रूप में उनके इस्तीफे की तारीख से लागू होगी। राजस्थान में पूर्व विधायक के लिए पेंशन एक कार्यकाल के लिए 35,000 रुपये प्रति माह से शुरू होती है। अतिरिक्त कार्यकाल और उम्र के साथ बढ़ती जाती है।
70 वर्ष से अधिक आयु वालों को 20 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिलता है। अधिकारियों के अनुसार 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ पूर्व विधायक होने के नाते 42,000 रुपये प्रति माह के हकदार हैं। राजस्थान में नेताओं के लिए दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था लागू है। इसके तहत सांसद और विधायक दोनों रहे नेता दोनों पदों की पेंशन ले सकते हैं।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सरकार एवं स्वयं धनखड़ की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आने से पूरे देश में चिंता व्याप्त है। गहलोत ने कहा कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति का शाम तक काम करना और फिर बिना किसी स्पष्टीकरण के अचानक इस्तीफा दे देना अभूतपूर्व है।
गहलोत ने कहा कि एक मंत्री इस्तीफा देता है तो लोकसभा में, राज्यसभा में कई बार स्पष्टीकरण दिया जाता है कि क्या कारण रहा है। ‘उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हो गया और कोई स्पष्टीकरण नहीं है न उनकी तरफ से, न ही सरकार की तरफ से, अब लीपापोती कर रहे हैं, इतने दिन से वो बाहर आ नहीं रहे हैं पूरा देश पूछ रहा है वो हैं कहां पर, चिंतित हैं।
गहलोत ने कहा कि वह चिंतित हैं क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ राजस्थान से हैं। उन्होंने कहा, "धनखड़ राजस्थान से हैं और पूरा राज्य उन्हें लेकर चिंतित है। क्या आपको भी चिंतित नहीं होना चाहिए? चुनाव होते रहेंगे, राजनीति चलती रहेगी, लेकिन असली सवाल यह है कि धनखड़ साहब कहां हैं? आप लोगों को उनसे कब मिलने देंगे?" गहलोत ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलना चाहते हैं और दो-तीन बार उन्हें फोन करने की कोशिश भी कर चुके हैं।