Make-in-India defence push: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार (30 अगस्त) को बड़ा ऐलान करते कहा कि अब सभी भारतीय युद्धपोत देश में ही बनाए जाएंगे। सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना का कोई भी जंगी जहाज अब दूसरे देश से नहीं खरीदा जाएगा। बल्कि उसे भारत में ही बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता के व्यापक अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता अब एक लाभ नहीं। बल्कि एक आवश्यकता है। 'एनडीटीवी डिफेंस समिट' में अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि एक ऐसी सुरक्षा प्रणाली तैयार की जा रही है जो दुश्मन के किसी भी हमले से बचाव करने और उसका जवाब देने, दोनों में सक्षम होगी।
राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत के लिए आत्मनिर्भर होना बेहद आवश्यक है। इसके लिए देश किसी विदेशी आपूर्ति पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि सरकार प्रस्तावित एयर डिफेंस सिस्टम 'सुदर्शन चक्र' के तहत अगले 10 वर्षों में देशभर के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को पूरी तरह हवाई सुरक्षा प्रदान करने की योजना बना रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा, "आपको यह जानकर खुशी होगी कि अब तक 3000 से अधिक वस्तुएं, जिन्हें पहले इंपोर्ट किया जाता था, अब भारत में स्वदेशी रूप से बनाई जा रही हैं। युद्धपोतों के निर्माण में भी, अब हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुके हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है, कि अब हम अपने सारे युद्धपोतों अपने देश में, अपनी जमीन पर ही बना रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जैसा कि हमने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान देखा, आज की लड़ाइयों में हवाई सुरक्षा की अहमियत बहुत बढ़ गई है। ऐसे में 'सुदर्शन चक्र मिशन' एक बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में इस महत्वाकांक्षी एयर डिफेंस सिस्टम की घोषणा की थी।
यह घोषणा पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर द्वारा भविष्य में दोनों देशों के बीच किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में सीमा पर भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने के कथित संकेतों के कुछ दिन बाद हुई थी।
सिंह ने कहा कि बदलते वैश्विक हालात ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब रक्षा क्षेत्र में बाहरी देशों पर निर्भर रहना कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, "आज की स्थिति में आत्मनिर्भरता हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "आज रक्षा क्षेत्र केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की नींव नहीं है, बल्कि यह हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और उसके भविष्य को सुरक्षित करने का एक प्रमुख आधार भी बन गया है।" उन्होंने कहा, "यह केवल लोगों की सुरक्षा, जमीन की हिफाजत या सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे आर्थिक ढांचे की सुरक्षा और स्थिरता की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।"
रक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण को संरक्षणवाद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का संबंध संरक्षणवाद से नहीं है, बल्कि यह हमारी संप्रभुता, राष्ट्रीय स्वायत्तता और आत्मविश्वास का मुद्दा है।"