Karnataka Caste Survey: इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने कर्नाटक में जारी सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी पिछड़ी जाति से नहीं हैं। बृहद बंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) के सूत्रों ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को जानकारी दी। कर्नाटक में इस सर्वेक्षण को जाति सर्वे भी कहा जाता है। सूत्रों के अनुसार, जब गणनाकर्ता 10 अक्टूबर को कपल के जयनगर स्थित घर गए, तो उन्हें विनम्रतापूर्वक अपने निर्णय से उन्हें अवगत कराया।
ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (GBA) के एक सूत्र ने कहा कि कपल ने कर्नाटक जाति सर्वेक्षण में भाग न लेने के अपने कारणों को बताते हुए एक लिखित घोषणा पेश की है। जब सर्वेक्षण करने वाले सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के आवास पर पहुंचे तो उन्होंने कथित तौर पर सर्वेक्षण कर्मियों से कहा, "हम अपने घर पर सर्वेक्षण नहीं करवाना चाहते।"
सूत्रों ने बताया कि सुधा मूर्ति ने सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण 2025 के लिए कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जारी एक फॉर्मेट में जानकारी देने से इनकार करते हुए एक स्व-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने इसमें लिखा है, "अपने कुछ निजी कारणों से मैं कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए जा रहे सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में जानकारी देने से इनकार कर रही हूं।"
पीटीआई के मुताबिक फॉर्मेट में लिखी बातों के अलावा सुधा मूर्ति ने कथित तौर पर कन्नड़ में लिखा, "हम किसी भी पिछड़े समुदाय से नहीं हैं। इसलिए हम ऐसे समूहों के लिए सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण में भाग नहीं लेंगे।" सुधा मूर्ति के निजी सहायक और इंफोसिस के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए भेजे गए मैसेज और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।
कर्नाटक में जाति सर्वेक्षण 22 सितंबर को शुरू हुआ था। यह मूल रूप से 7 अक्टूबर को समाप्त होने वाला था, लेकिन बाद में इसे 18 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया। सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर शिक्षक शामिल हैं, इसलिए सरकार ने 18 अक्टूबर तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने कहा कि अतिरिक्त क्लासेस लगाकर पढ़ाई के नुकसान की भरपाई की जाएगी।