Karnataka CM Crisis: "जनादेश एक पल के लिए नहीं, बल्कि 5 साल के लिए मिला है", CM सिद्धारमैया का अपने डिप्टी DKS को जवाब

Karnataka Congress Crisis: “शब्द” को लेकर यह विवाद दरअसल उस कथित रोटेशनल मुख्यमंत्री के वादे से जुड़ा है, जिसे डीके शिवकुमार और उनके समर्थकों ने 2023 में सरकार बनने के समय होने का दावा किया था। उनका कहना था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शिवकुमार को समझाकर डिप्टी सीएम बनने के लिए मनाया था और वादा किया था कि बाद में मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें दी जाएगी

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 8:02 PM
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Karnataka CM Crisis: "जनादेश एक पल के लिए नहीं, बल्कि 5 साल के लिए मिला है", CM सिद्धारमैया का अपने डिप्टी DKS को जवाब

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज अपने डिप्टी के बयान “Word power is world power” का जवाब देते हुए, मौजूदा विवाद को और हवा दे दी। सिद्धारमैया ने लिखा, “शब्द तभी ताकत बनता है, जब वह लोगों की जिंदगी बेहतर करे।” उन्होंने आगे कहा, “कर्नाटक के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वह सिर्फ एक पल के लिए नहीं, बल्कि पूरे 5 साल की जिम्मेदारी है। कांग्रेस पार्टी और मैं भी लोगों के लिए दया, ईमानदारी और हिम्मत के साथ काम कर रहे हैं। हमारा वादा कोई नारा नहीं है, यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है।”

“शब्द” को लेकर यह विवाद दरअसल उस कथित रोटेशनल मुख्यमंत्री के वादे से जुड़ा है, जिसे डीके शिवकुमार और उनके समर्थकों ने 2023 में सरकार बनने के समय होने का दावा किया था।

उनका कहना था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शिवकुमार को समझाकर डिप्टी सीएम बनने के लिए मनाया था और वादा किया था कि बाद में मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें दी जाएगी।


लेकिन सिद्धारमैया ने कहा कि ऐसा कोई वादा हुआ ही नहीं, जबकि पार्टी के केंद्रीय नेता इस मुद्दे पर चुप हैं। अब जब सरकार के 2.5 साल पूरे हो गए हैं, विवाद फिर से तेज हो गया है।

आज एक कार्यक्रम में डीके शिवकुमार ने कहा, “कहा जाता है कि शब्द की ताकत दुनिया की ताकत होती है। यानी वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है।”

इसके बाद उन्होंने अपने पीछे खड़े समर्थकों से कहा “ये लोग कुर्सी की कीमत नहीं जानते। उन्हें बैठने की जगह मिल सकती है, फिर भी खड़े हैं।”

वहीं इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कर्नाटक में चल रहे नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार समेत वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे।

खड़गे ने बताया कि इस बैठक में नेता इस मुद्दे को सुलझाएंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे जिससे कर्नाटक में नेतृत्व के मुद्दे से जुड़ा जो भी "भ्रम" है, वह खत्म हो जाएगा।

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को ढाई साल पूरे होते ही मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। यह विवाद सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच 2023 में हुए कथित "सत्ता-साझेदारी" समझौते के कारण उठा है।

खड़गे ने यहां संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली जाने के बाद, मैं तीन-चार महत्वपूर्ण नेताओं को बुलाऊंगा। चर्चा के बाद हम तय करेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है, इस तरह भ्रम को खत्म करेंगे।"

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