कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले में शर्मनाक और डराने वाले तथ्य सामने आए हैं। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि यह वारदात पूरी तरह से पहले से योजना बनाकर की गई थी और पीड़िता को कॉलेज में एडमिशन लेने के पहले ही दिन से निशाना बनाया जा रहा था। चार आरोपियों में तीन—मोनोजीत मिश्रा, प्रतीम मुखर्जी और जैद अहमद ने कई दिन पहले ही साजिश रच ली थी। चौथा आरोपी कॉलेज का एक सिक्योरिटी गार्ड है।
SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) की जांच में यह भी सामने आया है कि इन तीनों आरोपियों का कॉलेज की दूसरी छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का भी पुराना रिकॉर्ड रहा है। जांच में चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया कि ये आरोपी अपने अपराधों के वीडियो मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करते थे और फिर उन वीडियो का इस्तेमाल ब्लैकमेल करने के लिए करते थे। पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, "पूरी घटना योजनाबद्ध थी। मुख्य आरोपी ने पीड़िता को पहले दिन से ही टारगेट करना शुरू कर दिया था।"
वीडियो फुटेज की तलाश में पुलिस का छापा
कोलकाता पुलिस अब उन मोबाइल वीडियो क्लिप्स की तलाश कर रही है, जो आरोपियों ने बनाए हो सकते हैं। रविवार को पुलिस ने आरोपी प्रतीम मुखर्जी और जैद अहमद के घरों पर छापेमारी की। अधिकारी ने कहा, "हम सिर्फ इस घटना से जुड़े वीडियो ही नहीं, बल्कि ऐसी दूसरी घटनाओं से जुड़ा कंटेंट भी तलाश रहे हैं।"
पुलिस को यह भी शक है कि 25 जून को हुए गैंगरेप का वीडियो क्लिप शेयर किया गया हो सकता है। अधिकारी ने बताया, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ये क्लिप्स किसी और को फॉरवर्ड किए गए। अगर ऐसा हुआ है, तो जिन लोगों तक वीडियो पहुंचा है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।"
कॉलेज में मौजूद 25 छात्रों की लिस्ट तैयार
SIT ने उन 25 से ज्यादा छात्रों की लिस्ट तैयार की है, जो 25 जून की शाम को कॉलेज कैंपस में मौजूद थे। अब सभी से पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने उस रात क्या देखा, सुना या महसूस किया।
इस केस ने पूरे राज्य में कानूनी संस्थानों की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग जानना चाहते हैं कि कैसे आरोपी इतने समय तक कॉलेज में इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देते रहे और किसी ने आवाज तक नहीं उठाई।