अगर सरदार पटेल को मिलती पूरी जिम्मेदारी, तो आज जम्मू-कश्मीर का इतिहास अलग होता: LG मनोज सिन्हा

कार्यक्रम के दौरान, जिसका विषय “कश्मीर, हैदराबाद और सरदार” था, लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि अगर 1947 में जम्मू-कश्मीर को जोड़ने की पूरी जिम्मेदारी सरदार पटेल को दी गई होती, तो आज जम्मू-कश्मीर का इतिहास अलग होता

अपडेटेड Dec 01, 2025 पर 8:27 PM
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जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा सोमवार को गुजरात के वडोदरा में आयोजित “Sardar@150 Unity March” (पदयात्रा) में शामिल हुए

जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा सोमवार को गुजरात के वडोदरा में आयोजित “Sardar@150 Unity March” (पदयात्रा) में शामिल हुए। यह राष्ट्रीय पदयात्रा सरदार पटेल के घर करमसाद से शुरू हुई है। यह लगभग 190 किलोमीटर की दूरी 11 दिनों में तय करेगी और 6 दिसंबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर खत्म होगी।

कार्यक्रम के दौरान, जिसका विषय “कश्मीर, हैदराबाद और सरदार” था, लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि अगर 1947 में जम्मू-कश्मीर को जोड़ने की पूरी जिम्मेदारी सरदार पटेल को दी गई होती, तो आज जम्मू-कश्मीर का इतिहास अलग होता।

Manoj sinha Saradar Patel (1)


उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर का मामला नहीं संभाला, फिर भी उन्होंने सुनिश्चित किया कि यह भारत का हिस्सा बना रहे। सरदार पटेल शुरू से ही साफ थे कि जम्मू-कश्मीर का एक इंच भी पाकिस्तान को नहीं दिया जाएगा।

मनोज सिन्हा ने बताया कि सरदार पटेल उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर नीति से सहमत नहीं थे। वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में ले जाने के भी खिलाफ थे। एक रैली में पटेल ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का पूरा एकीकरण होना चाहिए और अगर उन्हें निर्णय लेने का मौका मिलता, तो इतिहास अलग होता।

अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि सरदार पटेल की एकता, समानता और न्याय की सोच आज भी देश की प्रगति को दिशा दे रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में सरदार पटेल भारत के आत्मविश्वास, सम्मान और साहस के प्रतीक हैं। उनकी ईमानदारी, फैसले लेने की क्षमता और निस्वार्थ सेवा आज भी देश के लिए प्रेरणा है।

Manoj sinha Saradar Patel (2)

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल के सपनों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद देश में एक झंडा, एक संविधान और एक नेता का संकल्प पूरा हुआ है।

उन्होंने प्रधानमंत्री की कई पहलों का भी ज़िक्र किया, जैसे, वन नेशन, वन टैक्स, वन नेशन, वन राशन कार्ड, वन नेशन, वन हेल्थ कार्ड, वन नेशन, वन ग्रिड, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, पीएम गति शक्ति, काशी-तमिल संगमम् आदि।

इन सभी ने देश की एकता को और मजबूत किया है।

अंत में उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे देश की एकता के तीन स्तंभों को मजबूत करें, साझा मूल्य, साझा पहचान और एक साझा उद्देश्य।

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