Get App

आइसलैंड में पहली बार पाए गए जिंदा मच्छर, जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा सबूत!

विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहली बार है, जब मच्छर आइसलैंड के प्राकृतिक पर्यावरण में देखे गए हैं। वहां का मौसम अब पहले से चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है, जिसकी वजह से वहां मच्छरों के रहने और प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। पिघलते ग्लेशियरों की वजह से नए वेट लैंड बन रहे हैं, जहां मच्छरों के लार्वा आसानी से पनप सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 22, 2025 पर 6:49 PM
आइसलैंड में पहली बार पाए गए जिंदा मच्छर, जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा सबूत!
आइसलैंड में पहली बार पाए गए जिंदा मच्छर, जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा सबूत!

वैज्ञानिकों ने पहली बार आइसलैंड में जिंदा मच्छर पाए हैं। यह खोज देश की इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव मानी जा रही है, क्योंकि अब तक आइसलैंड दुनिया के सबसे ठंडे और मच्छर-मुक्त इलाकों में से एक था। ​इसे स्थानीय जीव विज्ञानी ब्योर्न ह्याल्टासन ने खोजा, जिन्होंने रेकजाविक के पास क्योस नाम की घाटी में तीन मच्छर (दो मादा और एक नर) पकड़े। इन्हें पहचान के लिए आइसलैंडिक इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल हिस्ट्री भेजा गया, जहां वैज्ञानिक मैथियास अल्फ्रेडसन ने पुष्टि की कि यह क्यूलिसेटा अन्नुलाटा नाम की प्रजाति के मच्छर हैं। यह किस्म आम तौर पर उत्तरी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में पाई जाती है और ठंडे मौसम में भी जिंदा रह सकती है ।​

जलवायु परिवर्तन का असर

विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहली बार है, जब मच्छर आइसलैंड के प्राकृतिक पर्यावरण में देखे गए हैं। वहां का मौसम अब पहले से चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है, जिसकी वजह से वहां मच्छरों के रहने और प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। पिघलते ग्लेशियरों की वजह से नए वेट लैंड बन रहे हैं, जहां मच्छरों के लार्वा आसानी से पनप सकते हैं ।​

स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर

सब समाचार

+ और भी पढ़ें