Maharashtra Politics: हिंदी भाषा के विरोध में उद्धव और राज ठाकरे ने मिलाया हाथ, 5 जुलाई को एक साथ करेंगे विरोध प्रदर्शन

Maharashtra Politics Latest News: पांच जुलाई को होने वाला विरोध प्रदर्शन शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और MNS प्रमुख राज ठाकरे को एक मंच पर लाएगा। दोनों नेताओं ने एक ही समय पर अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को थोपे जाने का पुरजोर विरोध करेंगे

अपडेटेड Jun 27, 2025 पर 4:08 PM
Story continues below Advertisement
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में कई साल बाद ऐसा होने वाला है कि जब दोनों ठाकरे भाई एक साथ एक मंच पर दिखेंगे

Maharashtra Politics Latest News: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे भले ही राजनीतिक रूप से अलग हों, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा के मुद्दे पर एक साथ आने का फैसला लिया है। दोनों की पार्टियां हिंदी भाषा थोपे जाने और पहली क्लास से 5वीं क्लास के लिए सरकार के त्रिभाषा फॉर्मूले के खिलाफ मिलकर प्रदर्शन करेंगी। वे राज्य के स्कूलों में हिंदी को जबरन थोपने का विरोध करेंगे। साथ ही मराठी भाषा के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की मांग करेंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में कई साल बाद ऐसा देखने को मिलने वाला है कि जब दोनों ठाकरे भाई एक साथ एक मंच पर दिखेंगे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पांच जुलाई को होने वाला विरोध प्रदर्शन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और MNS प्रमुख राज ठाकरे को एक मंच पर लाएगा। दोनों नेताओं ने गुरुवार को एक ही समय पर अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि वे हिंदी और त्रि-भाषा फॉर्मूले को थोपे जाने का पुरजोर विरोध करेंगे।

उद्धव ने सात जुलाई को आजाद मैदान में कुछ संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की थी। जबकि उनके चचेरे भाई राज ने कहा था कि वह छह जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक गैर-राजनीतिक मार्च निकालेंगे। इसमें शिवसेना (UBT) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे।


शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज ने छह जुलाई को प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ने तुरंत प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सहमति दे दी। लेकिन उन्होंने चिंता जताई कि पूरे राज्य में धूमधाम से मनाई जाने वाली आषाढ़ एकादशी छह जुलाई को है जिसके कारण यह विरोध प्रदर्शन सभी के लिए असुविधाजनक होगा।

राउत ने कहा कि शिवसेना (UBT) प्रमुख ने पांच जुलाई को दोनों पार्टी द्वारा संयुक्त प्रदर्शन करने का सुझाव दिया और राज ने इस पर हामी भर दी। उन्होंने कहा, "पांच जुलाई को MNS और शिवसेना (UBT) का संयुक्त विरोध प्रदर्शन होगा। केवल समय पर निर्णय होना है, क्योंकि राज ठाकरे ने सुबह 10 बजे प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है। यह लोगों के लिए असुविधाजनक होगा।" उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी विरोध प्रदर्शन के समय पर चर्चा करेगी।

भाषा विवाद ने ठाकरे ब्रदर्स को लाया साथ

ठाकरे बंधुओं के बीच संभावित मेल-मिलाप की चर्चा पिछले कुछ दिन से जोरों पर है। भाषा का मुद्दा ऐसा एक मंच साबित हो सकता है जिसकी उन्हें एक साथ आने के लिए जरूरत है। संजयराउत ने कहा कि दोनों चचेरे भाइयों का मानना ​​है कि 1960 में राज्य के गठन के लिए संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान लड़ी गई लड़ाई के समान ही इस बार की लड़ाई होनी चाहिए। साथ ही ठाकरे परिवार को इसका नेतृत्व करना चाहिए।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, "अब मुंबई को तोड़ने और मराठी मानुष को महाराष्ट्र से बाहर निकालने के लिए इसी तरह के हमले हो रहे हैं।" उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। MNS की मुंबई इकाई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा, "एक मराठी मानुष के रूप में मैं इस बात से खुश हूं कि जिस तरह से राज साहब ने मराठी मानुष के लिए नेतृत्व किया और उद्धव साहब ने भी उसी तरह सकारात्मक जवाब दिया।"

उद्धव ठाकरे का सरकार पर हमला

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में हिंदी थोपे जाने जाने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भाषा के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उनकी पूर्व सहयोगी बीजेपी मुख्य रूप से मराठी भाषी राज्य में 'भाषा आपातकाल' लगाने का प्रयास कर रही है।

ठाकरे ने इस बात पर बल दिया कि उनकी पार्टी हिंदी के विरोध में नहीं है। लेकिन साफ तौर पर इसे थोपे जाने के खिलाफ है। मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को हिंदी पढ़ाने को लेकर जारी विवाद के बीच उन्होंने कहा, "हम किसी भाषा का विरोध या उससे नफरत नहीं करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी भी भाषा को थोपने की अनुमति देंगे। हम हिंदी थोपे जाने का विरोध करते हैं और यह जारी रहेगा।"

ये भी पढ़ें- Hindi in Maharashtra: महाराष्ट्र के स्कूलों में अब हिंदी तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य, मराठी संगठनों ने शुरू किया विरोध

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, "BJP भाषा के आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है और यह भाषा आपातकाल लगा रही है।" ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा का गुप्त एजेंडा हिंदी को थोपने का है। विवाद के बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि हिंदी वैकल्पिक भाषा होगी। जबकि मराठी अनिवार्य है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।