सेंटर फॉर डोमेस्टिक इकोनॉमी पॉलिसी रिसर्च (C-DEP.in) द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट में चीन से इम्पोर्ट PVC रेजिन की खराब गुणवत्ता के कारण भारतीय जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे की चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, PVC रेजिन में पाए जाने वाले कार्सिनोजेनिक यौगिक Residual Vinyl Chloride Monomer (RVCM) की मात्रा वैश्विक सुरक्षा मानकों से पांच गुना अधिक है, जो कैंसर उत्पन्न करने वाला पदार्थ माना जाता है।
PVC रेजिन भारत की अर्थव्यवस्था में करीब 30% का योगदान देता है और पानी, स्वच्छता, सिंचाई, हेल्थकेयर, निर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में इसका व्यापक उपयोग है। परंतु घटिया गुणवत्ता वाला रेजिन देश में बहुसंख्यक हो चुका है, जिससे न केवल उपभोक्ता सुरक्षा खतरे में है, बल्कि देश की स्वदेशी उद्योगों को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
सरकार द्वारा अगस्त 2024 में PVC रेजिन पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) जारी किया गया था, लेकिन इसे तीन बार टाल दिया गया। अब इस आदेश का क्रियान्वयन दिसंबर 2025 से किया जाना है, ताकि घटिया गुणवत्ता वाले सामग्रियों के आयात पर कड़ा नियंत्रण किया जा सके और बाजार में भरोसेमंद उत्पाद उपलब्ध हो सकें।
स्वदेशी जागरण मंच के अनिल शर्मा ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश केवल तैयार वस्तुओं तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका दायरा कच्चे माल तक बढ़ाना जरूरी है क्योंकि अंतिम उत्पाद की गुणवत्ता उसी पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि घरेलू उत्पादकों को भी न्यायसंगत प्रतिस्पर्धा मिलेगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 39 से अधिक विदेशी कंपनियों ने बीआईएस प्रमाणन प्राप्त कर लिया है, जो घरेलू मांग के मुकाबले तीन गुना अधिक है। इससे प्रदर्शित होता है कि अगर QCO को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो इसकी वजह से आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता और विश्वास बढ़ेगा।
अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और थाईलैंड जैसे देशों में RVCM के स्तर को सख्त सीमा 0.5 से 3 भाग प्रति करोड़ में रखा गया है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसी कोई राष्ट्रीय सीमा निर्धारित नहीं है। इससे चीन से 5 से 10 ppm तक RVCM वाली रेजिन इंपोर्ट हो रही है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक है।
यह रिपोर्ट न केवल गुणवत्ता मानकों को बेहतर बनाने, उपभोक्ता सुरक्षा को सशक्त करने बल्कि भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि PVC QCO का समय पर क्रियान्वयन भारत को वैश्विक स्तर पर सुरक्षित और भरोसेमंद उत्पादक बनने में मदद करेगा।
यह रिपोर्ट IIT दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में लॉन्च की गई, जिसमें विशेषज्ञों ने जोर दिया कि जीरो डिफेक्ट जैसे सरकारी मिशनों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए कड़े गुणवत्ता नियंत्रण और उपभोक्ता सुरक्षा नीतियां आवश्यक हैं।