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Malegaon Blast Verdict: 'मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया...'; मालेगांव विस्फोट मामले में फैसले के समय कोर्ट में रो पड़ीं साध्वी प्रज्ञा

Sadhvi Pragya Thakur: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और अन्य सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विस्फोट में छह लोगों की मौत होने के करीब 17 साल बाद विशेष अदालत ने सभी सातों आरोपियों को गुरुवार (31 जुलाई) को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Jul 31, 2025 पर 2:32 PM
Malegaon Blast Verdict: 'मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया...'; मालेगांव विस्फोट मामले में फैसले के समय कोर्ट में रो पड़ीं साध्वी प्रज्ञा
Malegaon Blast Verdict: मालेगांव विस्फोट मामले में फैसले के दौरान साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में रो पड़ीं

Malegaon Blast Verdict: मालेगांव विस्फोट में 6 लोगों की मौत होने के करीब 17 साल बाद NIA की एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को गुरुवार (31 जुलाई) को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं। अदालत ने कहा कि कोई भी धर्म हिंसा नहीं सिखाता है। उसने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। लेकिन अदालत सिर्फ धारणा के आधार पर दोषी नहीं ठहरा सकती। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अदालत में जज के लाहोटी को संबोधित करते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने अपनी वर्षों लंबी कानूनी लड़ाई के भावनात्मक दर्द को बयां किया।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, NIA कोर्ट में जज को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा, "मैंने शुरू से ही कहा था कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उनके पीछे कोई न कोई आधार ज़रूर होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ़्तार करके प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी लेकिन मुझ पर आरोप लगाए गए और कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। मैं ज़िंदा हूं क्योंकि मैं एक सन्यासी हूं। उन्होंने साज़िश करके भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सज़ा देगा। हालांकि, भारत और भगवा को बदनाम करने वालों को आपने ग़लत साबित नहीं किया है।"

मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 अन्य लोग घायल हो गए थे। इस मामले के आरोपियों में ठाकुर, पुरोहित, मेजर (रिटायर) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल थे। अदालत ने जैसे ही सातों आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया तो उन सभी के चेहरों पर मुस्कान छा गई। उन्होंने राहत की सांस ली। उन्होंने जज और अपने वकीलों का आभार जताया।

ठोस सबूत के अभाव में बरी

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