'आपके पास किचन के औजार हैं': ममता बनर्जी ने महिलाओं से की SIR के खिलाफ लड़ने की अपील

Controversy over SIR in Bengal: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की महिलाओं से अपील की है कि अगर वोटर लिस्ट से उनके नाम हटाए जाते हैं, तो वे अपने किचन के औजारों से लड़ें। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच चुनाव आयोग ने 6 राज्यों में SIR की समयसीमा बढ़ाने की घोषणा की है। ममता SIR का भारी विरोध कर रही हैं

अपडेटेड Dec 11, 2025 पर 5:54 PM
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Mamata Banerjee: ममता बनर्जी ने कहा कि SIR का इस्तेमाल महिलाओं के अधिकार छीनने के लिए किया जा रहा है

Controversy over SIR in Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने गुरुवार (11 दिसंबर) को कहा कि इसका इस्तेमाल महिलाओं के अधिकार छीनने के लिए किया जा रहा है। सीएम ने महिलाओं से अपील की है कि अगर वोटर लिस्ट से उनके नाम हटाए जाते हैं, तो वे अपने किचन के औजारों से लड़ें। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में SIR की समयसीमा बढ़ाने की घोषणा की है।

कृष्णानगर में एक पब्लिक इवेंट को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "असम में SIR क्यों नहीं हो रहा है? क्या इसलिए कि वह BJP शासित राज्य है? वे SIR की आड़ में माताओं और बहनों के अधिकार छीन लेंगे। वे चुनाव के दौरान महिलाओं को डराने के लिए दिल्ली पुलिस को लाएंगे।"

महिलाओं को संबोधित करते हुए बंगाल की सीएम ने कहा, "अगर वे आपके नाम काटते हैं, तो आपके घर में औजार हैं ना? जिनका इस्तेमाल आप खाना बनाने के लिए करती हैं? क्या आप में हिम्मत है? अगर वे आपके नाम काटते हैं, तो आप उन्हें जाने नहीं देंगी, है ना..? महिलाएं इस लड़ाई में आगे रहेंगी, और पुरुष उनके पीछे खड़े रहेंगे। मैं देखना चाहती हूं कि हमारी महिलाओं की ताकत BJP से बड़ी है या नहीं।"

ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'खतरनाक' बताया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि वोटर लिस्ट के SIR के दौरान एक भी योग्य मतदाता का नाम लिस्ट से हटाया गया तो वह धरना देंगी। शाह पर तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली में कहा, "देश का गृह मंत्री खतरनाक है। उनकी आंखों में यह साफ दिखता है। एक आंख में 'दुर्योधन' दिखता है, और दूसरी में 'दु:शासन'।"

धरने की दी धमकी

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगर एक भी योग्य मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया, तो मैं धरना दूंगी। पश्चिम बंगाल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। वे वोटों के इतने भूखे हैं कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले एसआईआर करा रहे हैं।"


उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर इशारा करते हुए कहा, "क्या अब मुझे दंगाइयों की पार्टी को अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत है?" केंद्र सरकार पर बंगालियों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, "हमारे पास एक (केंद्रीय) गृह मंत्री हैं जो सभी बंगालियों को बांग्लादेशी करार देकर उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन हम किसी को भी पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं निकालने देंगे। अगर किसी को जबरन निकाला जाता है तो उसे वापस लाने का तरीका हम बखूबी जानते हैं।"

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए बीजेपी से जुड़े अधिकारियों को तैनात कर रहा है। उन्होंने दावा किया, "पश्चिम बंगाल में स्थिति पर नजर रखने के लिए दिल्ली से BJP समर्थित कुछ लोगों को भेजा जा रहा है। वे एसआईआर की सुनवाई के दौरान जिला मजिस्ट्रेटों के काम की निगरानी कर रहे हैं।"

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उन्होंने आगे कहा कि वह सांप्रदायिकता में विश्वास नहीं करतीं। मु्ख्यमंत्री ने कहा, "मैं हमेशा सेक्युलर राजनीति करती हूं। जब भी चुनाव आते हैं, तो बीजेपी पैसे का इस्तेमाल करके और दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर वोटों को बांटने की कोशिश करती है।"

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