PM Modi Speaks to Trump: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (11 दिसंबर) को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि नेताओं ने व्यापार, महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी, एनर्जी, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने साझा चुनौतियों का समाधान करने और साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
अधिकारियों ने बताया कि इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच कॉम्प्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की प्रोग्रेस का रिव्यू किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बातचीत की जानकारी दी है।
उन्होंने X पर लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत अच्छी और सार्थक बातचीत हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की। साथ ही क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की। भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।" दोनों नेता टच में रहने पर भी सहमत हुए।
सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा के साथ सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लगातार मजबूत होने पर संतोष व्यक्त किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए साझा प्रयासों में रफ्तार बनाए रखने की अहमियत पर जोर दिया।
यह बातचीत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की हाई-प्रोफाइल यात्रा के बाद हुई। पुतिन ने PM मोदी के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की थी। रूसी राष्ट्रपति ने ग्लोबल मंच पर भारत-रूस दोस्ती का एक मजबूत संदेश दिया। यह दौरा ऐसे अहम समय पर हुआ जब ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारतीय इंपोर्ट पर 50% टैरिफ लगा दिया है।
दोनों नेताओं के बीच आखिरी बातचीत अक्टूबर में हुई थी। पीएम मोदी ने इजरायल और हमास के बीच दो साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर ट्रंप को बधाई दी थी। पुतिन की नई दिल्ली यात्रा को अमेरिका के टैरिफ दबाव के बावजूद भारत और रूस के बीच बढ़ते संबंधों के संकेत के तौर पर देखा गया। इससे ट्रंप की विदेश नीति रणनीति को लेकर अमेरिका में चिंता पैदा हो गई।
ट्रंप के विदेश नीति पर अमेरिका में उठे सवाल
अमेरिका की एक सांसद ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत के प्रति नीतियां रणनीतिक भरोसे और पारस्परिक समझ को वास्तविक एवं स्थायी नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को हुए नुकसान को कम करने के लिए वॉशिंगटन को अविश्वसनीय तत्परता के साथ कदम उठाने होंगे।
कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिडनी कैमलेजर डॉव ने कहा, "अगर ट्रंप अपनी नीति में बदलाव नहीं करते, तो वह भारत को खो देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बन जाएंगे। साफ तौर पर कहा जाए तो उन्होंने भारत को दूर कर दिया जबकि रूसी साम्राज्य को सशक्त किया। उन्होंने ट्रांसअटलांटिक गठबंधन को तोड़ा है और लातिन अमेरिका को खतरे में डाला है। यह वह विरासत नहीं है जिसपर किसी राष्ट्रपति को गर्व होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "जब इतिहास की किताबें लिखी जाएंगी और बताया जाएगा कि भारत के प्रति ट्रंप की शत्रुता कहां से शुरू हुई। तो वे किसी ऐसी चीज की ओर इशारा करेंगी जिसका हमारे दीर्घकालिक रणनीतिक हितों से कोई लेना-देना नहीं है। यह चीज है उनका नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर व्यक्तिगत जुनून। यह भले ही हास्यास्पद हो। लेकिन इसका जो नुकसान होगा। उसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।"