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Railway News: ₹402 करोड़ की लागत वाली मथुरा-वृंदावन रेल परियोजना हुई परमानेंट बंद, अब नहीं दौड़ेगी ट्रेन!

Indian Railway: परियोजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दोनों शहरों के बीच रेल संपर्क पर काम लगभग दो साल पहले शुरू हुआ था और ट्रैक बिछाने में मथुरा और वृंदावन दोनों तरफ से काफी समय और पैसा खर्च किया गया था

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jun 10, 2025 पर 9:13 PM
Railway News: ₹402 करोड़ की लागत वाली मथुरा-वृंदावन रेल परियोजना हुई परमानेंट बंद, अब नहीं दौड़ेगी ट्रेन!
विशेषज्ञों का एक वर्ग इस परियोजना को रद्द करने पर रेलवे की दूरदर्शिता और योजना पर सवाल उठा रहा है

Mathura-Vrindavan Rail Project: रेल मंत्रालय ने मथुरा और वृंदावन के बीच चलने वाली ₹402 करोड़ की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना को स्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। इस परियोजना के तहत मीटर गेज रेल लाइन को ब्रॉड गेज में बदला जाना था। मंत्रालय ने इसे 'अलाभकारी' बताते हुए यह निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड ने साल 2017-18 में मथुरा और वृंदावन के बीच की मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने की मंजूरी दी थी, जिसकी अनुमानित लागत ₹402 करोड़ थी।

फरवरी 2023 में आईएससी नामक कंपनी को ₹191 करोड़ का ठेका दिया गया, जिसके बाद 31 मार्च 2023 को मौजूदा ट्रैक हटाने और नया ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ। ठेकेदार को यह काम 30 मार्च 2025 तक पूरा करना था। हालांकि, यह परियोजना स्थानीय लोगों के विरोध के कारण विवादों में घिर गई थी। उत्तर मध्य रेलवे (NCR) जोन, जिसके अंतर्गत यह खंड आता है, ने कुछ महीने पहले ही इसे स्थायी रूप से बंद करने का प्रस्ताव रखा था।

रेल मंत्रालय ने जारी किया आधिकारिक आदेश

रेल मंत्रालय ने 6 जून को एनसीआर जोन के महाप्रबंधक को एक पत्र लिखकर सूचित किया। पत्र में कहा गया है कि, 'उत्तर मध्य रेलवे की उक्त अलाभकारी शाखा लाइन को बंद करने के उत्तर मध्य रेलवे के प्रस्ताव की रेलवे बोर्ड द्वारा जांच की गई है। इसके बाद सक्षम प्राधिकारी ने उत्तर मध्य रेलवे के आगरा डिवीजन के मथुरा-वृंदावन खंड को स्थायी रूप से बंद करने की मंजूरी दे दी है। इसमें आगे कहा गया है कि यह फैसला रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से लिया गया है और जोन को आवश्यक कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है।

परियोजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दोनों शहरों के बीच रेल संपर्क पर काम लगभग दो साल पहले शुरू हुआ था और ट्रैक बिछाने में मथुरा और वृंदावन दोनों तरफ से काफी समय और पैसा खर्च किया गया था।

रेलवे की प्लानिंग पर उठे सवाल

विशेषज्ञों का एक वर्ग इस परियोजना को रद्द करने पर रेलवे की दूरदर्शिता और योजना पर सवाल उठा रहा है। उनका कहना है कि इससे काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है। कृष्ण जन्मभूमि और वृंदावन में स्टेशन भवन, प्लेटफॉर्म और फुट-ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए भी ₹38 करोड़ की लागत वाला एक और ठेका मई 2023 में एचओजी प्रोजेक्ट्स को दिया गया था।

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