Operation Crystal Fortress: देश की राजधानी दिल्ली नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। अब तक के सबसे बड़े ड्रग्स जब्ती अभियानों में से एक में 20 नवंबर को दक्षिण दिल्ली के छतरपुर स्थित एक घर से 329 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन बरामद की है, जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग ₹262 करोड़ आंकी गई है। इतने बड़े मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के सिलसिले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
खुफिया जानकारी पर किया ऑपरेशन
इस खुफिया जानकारी कार्रवाई को 'ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस' नाम दिया गया था। इसका उद्देश्य सीमाओं के पार संचालित एक परिष्कृत ड्रग सिंडिकेट को ध्वस्त करना था। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क एक विदेशी किंगपिन से जुड़ा हुआ है, जो पिछले साल दिल्ली में 83 किलोग्राम कोकीन की जब्ती के मामले में भी वांछित है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र 'अभूतपूर्व गति से ड्रग कार्टेल को तोड़ रहा है'। उन्होंने इस संयुक्त ऑपरेशन को 'नशामुक्त भारत के लिए PM मोदी के दृष्टिकोण को प्राप्त करने हेतु निर्बाध बहु-एजेंसी समन्वय का एक शानदार उदाहरण' बताया।
गिरफ्तारी और छतरपुर में छापा
गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में से एक, शेन वारिस (25), जो उत्तर प्रदेश के अमरोहा का निवासी है। उसको 20 नवंबर को नोएडा के सेक्टर 5 से हिरासत में लिया गया था। वह सेल्स मैनेजर के रूप में कार्यरत था और कथित तौर पर एक हैंडलर के निर्देशों पर काम करता था, जिसमें फेक सिम कार्ड और एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन ऐप्स का उपयोग करना शामिल था।
वारिस के खुलासे के बाद, NCB टीमों ने नागालैंड पुलिस की सहायता से उसी दिन छतरपुर एन्क्लेव फेज 2 में उसकी महिला सहयोगी एस्थर किनिमी के घर पर छापा मारा। अधिकारियों ने किनिमी के घर से मेथाम्फेटामाइन का विशाल भंडार बरामद किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
प्राथमिक निष्कर्ष बताते हैं कि ये दोनों एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय कार्टेल का हिस्सा थे जिसका निर्देशन विदेशी ऑपरेटरों द्वारा किया जा रहा था। अधिकारी अब किंगपिन का पता लगाने और उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। इस सिंडिकेट की सप्लाई चेन, वित्तीय माध्यमों और स्टोरेज पॉइंट्स का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि इस नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने और इसके विदेशी बाजारों में विस्तार को रोकने के प्रयास जारी हैं।
दिल्ली बना ड्रग तस्करी का मुख्य केंद्र
जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि महीनों की निगरानी, तकनीकी इंटरसेप्ट्स और खुफिया जानकारी साझा करने के बाद यह सफलता मिली, जिससे एक सुव्यवस्थित कार्टेल का पर्दाफाश हुआ। जांचकर्ताओं ने पाया कि दिल्ली घरेलू वितरण और विदेशी बाजारों में सिंथेटिक ड्रग्स की आवाजाही दोनों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है।