जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कूटनीतिक कदमों की घोषणा की और सिंधु नदी के जल बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला किया। इसके एक दिन बाद राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले 26 लोगों के प्रति मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अपनी बात प्रारंभ करने से पहले मैं आप सबसे प्रार्थना करना चाहता हूं, आप जहां हैं, वहीं अपने स्थान पर बैठकर ही 22 अप्रैल को जिन परिवारजनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धाजंलि देने के लिए हम कुछ पल का मौन रखेंगे।" इसके बाद उन्होंने मंच पर हाथ जोड़कर और आंख बंद कर मौन धारण किया।
पहलगाम हमले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा देश जानता है कि कैसे “आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या की, और भारत पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।”
पहलगाम की घटना के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस घटना को अंजाम देने वाले षड्यंत्रकारियों और आतंकवादियों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी।"
उन्होंने कहा, "140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की रीढ़ तोड़ देगी।"
बिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहलगाम में आतंकवादियों ने जिस क्रूरता से हत्याएं कीं, उससे पूरा देश व्यथित है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत हर आतंकवादी की पहचान करेगा, उसे ट्रैक करेगा और उसे दंडित करेगा। उन्होंने कहा, "आतंकवाद से भारत की भावना कभी नहीं टूटेगी। हम दुनिया के कोने-कोने तक उनका पीछा करेंगे। आतंकवाद को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "कल्पना से परे सजा दी जाएगी और अब वक्त आ चुका है कि आतंक बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिला दिया जाए।"