NIA Chargesheet Pahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले में आज यानी सोमवार (15 दिसंबर) को आरोपपत्र दाखिल करेगा। पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में किए गए हमले में 26 लोग मारे गए थे। एनआईए की जांच के दौरान हमले में तीन आतंकवादियों की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने आई है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद निरोधक एजेंसी सोमवार को जम्मू की एनआईए विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल करेगी।
एनआईए ने जून में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इन व्यक्तियों पर उन तीन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप है जिन्हें जुलाई में भारतीय सेना ने मार गिराया था। गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों परवेज अहमद जोथर (बटकोट) और बशीर अहमद जोथर (पहलगाम) ने इन तीन हमलावरों की पहचान पाकिस्तान के नागरिकों के रूप में की थी जो प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित थे।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों ने आतंकवादियों को भोजन, रहने की जगह और साजो-सामान संबंधी अन्य सहायता प्रदान की थी। उन्होंने बताया कि ये तीनों आतंकवादी 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में 'ऑपरेशन महादेव' नाम से की गई मुठभेड़ में मारे गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के ये आतंकवादी पहलगाम हमले के बाद से दाचीगाम-हरवन जंगल क्षेत्र में छिपे हुए थे।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया। इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों और ट्रेनिंग सेंटरों सहित उन नौ स्थानों को निशाना बनाया गया था। इनसे भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती थी।
NIA ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के कड़े प्रावधानों का इस्तेमाल किया है, जो आरोपों की गंभीरता को बताता है। केंद्रीय जांच एजेंसी के इस आकलन को मज़बूत करता है कि यह हमला लश्कर के क्षेत्र को अस्थिर करने के बड़े अभियान के हिस्से के तौर पर किया गया था।
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 'ऑपरेशन महादेव' से न सिर्फ पहलगाम हमले में शामिल शूटरों को खत्म किया गया। बल्कि कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बड़े इकोसिस्टम का भी पर्दाफाश हुआ। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी का मानना है कि चार्जशीट आतंकी नेटवर्क और उसके सपोर्ट स्ट्रक्चर की साफ-साफ मैपिंग करके भविष्य की कानूनी कार्रवाई को मज़बूत करेगी।